नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लद्दाख स्थित गलवान घाटी में 20 सैनिकों की शहादत के बाद देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है। सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। दूसरी ओर, चीन को देखें तो उसने अपने हताहत जवानों को लेकर चुप्पी साध रखी है।
चीन सरकार का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ उतना ही बोल रहा है, जितने का आदेश उसके आका देते हैं। हालांकि उसके संपादक ने एक ट्वीट में स्वीकार किया है कि भारतीय कार्रवाई में चीनी जवान मारे गए लेकिन संख्या का उल्लेख कहीं नहीं किया जा रहा। जबकि विभिन्न रिपोर्टें बताती हैं कि चीन ने बड़ी तादाद में अपने जवान खोए हैं। यह संख्या करीब 43 तक है।
चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के जवानों के हताहत होने के संबंध में चुप्पी साध रखी है। आखिर इसकी वजह क्या है?
‘यूएस न्यूज’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी समेत कम से कम 35 चीनी बलों की भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प में मौत हो गई।
खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया, ‘अमेरिका (की खुफिया सूचना) के आकलन के अनुसार चीन सरकार अपने सशस्त्र बलों के हताहत होने को सेना के लिए शर्म की बात मानती है और उसने इस डर से संख्या की पुष्टि नहीं की है क्योंकि उसे इससे शत्रुओं को साहस मिलने का भय है।’
इस बीच, अमेरिकी सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न समेत कई अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियां पूरे क्षेत्र के लिए खतरा हैं।