इस बार कोरोना से मुक्ति की दिशा में अहम साबित होगा 15 अगस्त!

इस बार कोरोना से मुक्ति की दिशा में अहम साबित होगा 15 अगस्त!

सांकेतिक चित्र। स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 का स्वदेशी टीका चिकित्सकीय उपयोग के लिए 15 अगस्त तक उपलब्ध कराने के मकसद से चुनिंदा चिकित्सकीय संस्थाओं और अस्पतालों से कहा है कि वे भारत बायोटेक के सहयोग से विकसित किए जा रहे संभावित टीके ‘कोवैक्सीन’ को परीक्षण के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज करें।

मौजूदा समय में क्लिनिकल परीक्षण के लिए 12 स्थलों की पहचान की गई है और आईसीएमआर ने चिकित्सकीय संस्थाओं एवं प्रमुख जांचकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विषय नामांकन सात जुलाई से पहले शुरू हो जाए।

भारत के पहले स्वदेशी संभावित कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को डीसीजीआई से मानव पर परीक्षण की हाल में अनुमति मिली है। ‘कोवैक्सीन’ को भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित किया है।

आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने 12 स्थलों के प्रमुख जांचकर्ताओं को लिखे पत्र में कोवैक्सीन के देश में विकसित पहला टीका होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ‘शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजनाओं’ में शामिल है ‘जिसकी सरकार उच्चतम स्तर पर निगरानी कर रही है’।

भार्गव ने पत्र में लिखा, ‘सभी क्लिनिकल परीक्षणों के पूरा होने के बाद 15 अगस्त तक टीकों को चिकित्सकीय उपयोग के लिए उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। बीबीआईएल इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रहा है लेकिन अंतिम परिणाम इस परियोजना में शामिल सभी क्लिनिकल परीक्षण स्थलों के सहयोग पर निर्भर करेगा।’

उन्होंने कहा, ‘बीबीवी152 टीके के क्लिनिकल परीक्षण स्थल के तौर पर आपको चुना गया है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर जन स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के कारण आपको सलाह दी जाती है कि आप क्लिनिकल परीक्षण संबंधी सभी मंजूरियों की प्रक्रिया तेज करें और सुनिश्चित करें कि विषय नामांकन की प्रक्रिया सात जुलाई तक पूरी हो जाए।’ उन्होंने कहा कि इसका पालन नहीं करने के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।

About The Author: Dakshin Bharat