डिज़िटल भूटान बनाने के लिए भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
नई दिल्ली/थिंपू/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके भूटानी समकक्ष लोते शेरिंग ने शुक्रवार को रुपे कार्ड के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि सभी भारतीयों की तरह मेरे मन में भी भूटान के लिए विशेष प्यार और मित्रता है। जब भी आपसे मिलता हूं तो एक खास अपनेपन की अनुभूति होती है। भारत और भूटान के विशिष्ट संबंध न सिर्फ दोनों राष्ट्रों के लिए अहम हैं, बल्कि विश्व के बेहतरीन उदाहरण हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भूटान में पहले ही 11,000 सफल रुपे लेनदेन हो चुके हैं। अगर कोविड नहीं हुआ होता, तो यह संख्या बहुत अधिक होती। हम रुपे कार्ड योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि आज से, भूटान नेशनल बैंक द्वारा जारी रुपे कार्ड एटीएम में एक लाख रुपए और पॉइंट-ऑफ-सेल टर्मिनलों पर 20 लाख रुपए में उपयोग किए जा सकते हैं। इससे भारत में भूटानी पर्यटकों के लिए पर्यटन, खरीदारी और अन्य लेनदेन आसान हो जाएंगे।
मोदी ने कहा कि हाल में, भारत और भूटान ने बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए एक रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों देशों में संस्थानों की मदद करेगा और सहयोग में सुधार करेगा। भारत ने हाल में निजी उद्यमों के लिए अपना अंतरिक्ष क्षेत्र खोला है। यह क्षमता, नवाचार और कौशल को बढ़ावा देगा।
मोदी ने कहा कि हम भूटान में एक आईसीटी-सक्षम ज्ञान-आधारित समाज का समर्थन करते हैं। मैं तीसरे अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट गेटवे पर बीएसएनएल के साथ भूटान के समझौते का भी स्वागत करता हूं।
वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान के बीच एक विशेष साझेदारी है जिसका आधार साझा समझ और सम्मान, साझा सांस्कृतिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत बंधन हैं।