नई दिल्ली/दक्षिण भारत। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को मजबूत सैन्य बल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत जरूरत पड़ने पर पड़ोसी मित्र देशों के साथ भी सैन्य क्षमता साझा करना चाहता है।
रक्षा और सैन्य मुद्दों पर आधारित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि भारतीय सैन्य बल बहुत जटिल और अनिश्चित माहौल में काम कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में शांति स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए क्षमता बढ़ानी होगी।
जनरल रावत ने पड़ोसी चीन-पाक की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर सैन्य शक्ति मजबूत नहीं होगी तो भारत के विरोधी इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘विश्व के तकरीबन हर क्षेत्र में छोटी, बड़ी जंग छिड़ी हुई है। इसलिए यदि हमें खुद की रक्षा करनी है, अपने देश की, अपने देश की अखंडता और अपने लोगों की रक्षा करनी है तो मजबूत सैन्य बल की जरूरत है।’
जनरल रावत ने कहा, ‘लेकिन तब क्या हम कह रहे हैं कि सैन्य बल को युद्ध की तैयारी करनी चाहिए?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा, नहीं, सैन्य बलों को क्षेत्र में शांति लाने के लिए क्षमता विकसित करनी चाहिए।
बता दें कि जनरल रावत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एलओसी पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय सुरक्षा बल ढेर कर रहे हैं। वहीं, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ गतिरोध जारी है। गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था।