नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कोरोना महामारी के मद्देनजर इंतजाम करने में विफल रहने पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की है।
न्यायालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार ने तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) के भंडारण और राष्ट्रीय राजधानी में इसके वितरण को सरल बनाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने की है। पीठ ने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) की जिम्मेदारी है कि वह शहर में एलएमओ और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए भंडारण केंद्र बनाने की विभिन्न संभावनाओं को तलाशे।
न्यायालय ने कहा कि सरकार शहर में ऑक्सीजन के भंडारण एवं वितरण की रूपरेखा तैयार करने के लिए दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) की मदद ले सकती है।
इस दौरान उसने उच्चतम न्यायालय के 30 अप्रैल के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि ऑक्सीजन का भंडार तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों की है। बता दें कि केजरीवाल सरकार के खिलाफ न्यायालय की इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है।