नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर कुप्रबंधन के आरोपों से घिरी दिल्ली की केजरीवाल सरकार को उच्च न्यायालय से फटकार के बाद और आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के मद्देनजर यह बात सामने आई है कि दिल्ली सरकार इसकी आपूर्ति के लिए टैंकर भी उपलब्ध नहीं करा सकी।
यह बात केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की चिट्ठी के बाद सामने आई है, जो उन्होंने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को लिखी थी। चिट्ठी के मुताबिक, केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन आवंटित की गई थी, लेकिन वह टैंकरों का इंतजाम नहीं कर पाई।
केंद्र ने राज्यों को ऑक्सीजन आवंटित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए विदेशों से इसका आयात किया। साथ ही उद्योगों को ऑक्सीजन देना फिलहाल स्थगित कर दिया था। केंद्र से ऑक्सीजन लेकर इसे अपने अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारें टैंकरों के इंतजाम में जुटी थीं। उधर, दिल्ली सरकार यह नहीं कर सकी।
चिट्ठी के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव ने बताया कि दिल्ली के लिए 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया। दूसरी ओर, दिल्ली को ऑक्सीजन नहीं मिलने की खबरें सुर्खियों में रहीं। हालांकि इसके पीछे असल वजह दिल्ली सरकार द्वारा टैंकरों का इंतजाम किए जाने को लेकर विफलता थी।
यह जानकारी सोशल मीडिया पर आने के बाद ‘आप’ सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। कई यूजर्स ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार आरोप लगाने के काम में बढ़-चढ़कर भाग लेती है, लेकिन जब जिम्मेदारी निभाने का वक्त आता है तो गायब हो जाती है।