नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि फरवरी 2012 में केरल तट के पास इतालवी नौसैनिकों के हमले में कथित तौर पर मारे गए दो भारतीय मछुआरों के परिजन को 10 करोड़ रुपए मुआवजा देने के मामले में वह 15 जून को फैसला सुनाएगा।
अंतरराष्ट्रीय पंचाट द्वारा दी गई व्यवस्था और भारत, इटली तथा केरल सरकार के बीच तय हुई शर्तों का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे के खिलाफ अब इटली में मुकदमा चलेगा।
मुआवजा आवंटित करने की योजना के तहत शीर्ष अदालत को केरल सरकार ने बताया कि दोनों मृतकों के परिजन को चार-चार करोड़ रुपये दिए जाएंगे और शेष दो करोड़ रुपये उस नौका ‘सेंट एंटोनी’ के मालिक को दिए जाएंगे, जिस पर वे घटना के समय मछुआरे सवार थे।
इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामला बंद करने की केन्द्र की याचिका पर आदेश लंबित रखते हुए पीठ ने कहा था कि वह मुआवजे की राशि केरल उच्च न्यायालय को वितरण के लिए हस्तांतरित करने और यह सुनिश्चित करने कि राशि व्यर्थ न जाए पर विचार करेगा।
गौरतलब है कि फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में मछली पकड़ रहे दो भारतीय मछुआरों को मार डालने का आरोप लगाया था। घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे और पोत पर इटली का ध्वज लगा था।
इससे पहले, सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इटली गणराज्य ने पूर्व में भुगतान की गई अनुग्रह राशि के अलावा 10 करोड़ रुपये जमा किए हैं और इसे केन्द्रीय विदेश मंत्रालय द्वारा निर्देशानुसार शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कर दिया गया है।