नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की ओर से आयोजित एक समारोह में चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए भरोसा जताया कि भारत कोरोना वायरस से जीतेगा और विकास के नए आयाम भी हासिल करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डॉक्टरों ने जिस तरह से देश की सेवा की है, वह अपने आप में एक प्रेरणा है। मैं 130 करोड़ भारतीयों के सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त करता हूं। जब देश कोरोना के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ रहा है, डॉक्टरों ने लाखों लोगों की जान बचाई है। कई डॉक्टरों ने अपने अथक प्रयासों में अपना बलिदान भी दिया है। मैं इन सभी आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने स्वास्थ्य सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पिछले साल, पहली लहर के दौरान, हमने अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। इस साल स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट आवंटन 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने दशकों में जिस तरह का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर देश में तैयार हुआ था, उसकी सीमाएं आप भलीभांति जानते हैं। पहले के समय में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को किस तरह नजरअंदाज किया गया था, उससे भी आप परिचित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट का आवंटन दोगुने से भी ज्यादा यानी दो लाख करोड़ रुपए से भी अधिक किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की एक क्रेडिट गारंटी स्कीम लेकर आए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हमारे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साल, हम डॉक्टरों के साथ अपराधों के खिलाफ कई प्रावधान लाए थे। हम अपने कोविड योद्धाओं को मुफ्त बीमा कवर भी प्रदान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में तेजी से नए एम्स खोले जा रहे हैं, नए मेडिकल कॉलेज बनाएं जा रहे हैं, आधुनिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। साल 2014 तक देश में केवल 6 एम्स थे, वहीं इन 7 वर्षों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ। मेडिकल कॉलेज की संख्या भी लगभग डेढ़ गुना बढ़ी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब डॉक्टर योग का अध्ययन करते हैं, तो पूरी दुनिया इसे और अधिक गंभीरता से लेती है। क्या आईएमए इन अध्ययनों को मिशन मोड में आगे बढ़ा सकता है? क्या इन साक्ष्य-आधारित अध्ययनों को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाया जा सकता है? क्या योग पर अध्ययन अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो सकते हैं?
प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी बड़ी संख्या में आप मरीजों की सेवा और देखभाल कर रहे हैं, उसके हिसाब से पहले से ही दुनिया में सबसे आगे हैं। यह समय ये भी सुनिश्चित करने का है कि आपके काम का, आपके वैज्ञानिक अध्ययन का दुनिया संज्ञान ले और आने वाली पीढ़ी को उसका लाभ भी मिले।