प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान समाधान ई-रुपी लॉन्च किया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान समाधान ई-रुपी लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन, डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रुपी एक तरह से व्यक्ति के साथ-साथ परपज स्पेशिफिक भी है। जिस मकसद से कोई मदद या कोई लाभ दिया जा रहा है, वह उसी के लिए प्रयोग होगा, यह ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत गरीबों के जीवन को बदलने के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है। दुनिया देख रही है कि कैसे पारदर्शिता और ईमानदारी बढ़ाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है और नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, केंद्र सरकार डीबीटी के माध्यम से 300 से अधिक योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है। 1,35,000 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। भारत ने पिछले 7 वर्षों में अपने विकास को जो गति दी है, उसमें तकनीक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
क्या हमने सोचा था कि हमारी कारें सिर्फ फास्टैग के साथ टोल-बूथों को पार करेंगी? क्या हमने कल्पना की थी कि एक हस्तशिल्प निर्माता अपने शिल्प को दिल्ली में कार्यालयों में भेजेगा? जीईएम ने इसे संभव बनाया है!
प्रधानमंत्री ने कहा, क्या हमने सोचा था कि हमारे दस्तावेज भी हमारी जेब में होंगे? डिजिलॉकर ने इसे संभव बनाया है! आज यह संभव हो गया है! आरोग्य सेतु सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप में से एक है। कोविन पोर्टल भी टीकाकरण में काफी मदद कर रहा है। अगर हमने तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया होता, तो निर्बाध प्रमाणीकरण संभव नहीं होता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि तकनीक को अपनाने में, उससे जुड़ने में वो किसी से भी पीछे नहीं हैं। इनोवेशन की बात हो, सर्विस डिलीवरी में तकनीक का इस्तेमाल हो, भारत दुनिया के बड़े देशों के साथ मिलकर ग्लोबल लीडरशिप देने की क्षमता रखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार किसानों से जो गेहूं की सरकारी खरीद हुई है, उसका करीब 85,000 करोड़ रुपया सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है। रुपे कार्ड को अब सिंगापुर और भूटान ने अपनाया है। आज भारत में 66 करोड़ रुपे कार्ड धारक हैं और हजारों करोड़ का लेनदेन इसके द्वारा किया जा रहा है। इससे गरीबों को ताकत मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की। आज देश के छोटे-बड़े शहरों में, 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है। इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2,300 करोड़ रुपए उन्हें दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ई-रुपी वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा। इसमें हमारे बैंकों और पेमेंट गेटवे की बहुत बड़ी भूमिका है। हमारे सैकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉर्पोरेट्स, उद्योग जगत, एनजीओ और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है।