प्रधानमंत्री ने पुलिस अकादमी में आईपीएस परिवीक्षार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस परिवीक्षार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘आपके हर कार्य में राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना दिखनी चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल की 15 अगस्त की तारीख, अपने साथ आजादी की 75वीं वर्षगांठ लेकर आ रही है। बीते 75 सालों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है। पुलिस ट्रेनिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में भी हाल के वर्षों में बहुत सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा हर साल यह प्रयास रहता है कि आप जैसे युवा साथियों से बातचीत करूं। आपके विचारों को लगातार जानता रहूं। आपके विचार, सवाल, उत्सुकता, मेरे लिए भी भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सहायक होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप एक ऐसे समय पर करियर शुरू कर रहे हैं, जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं। इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा, इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपकी सेवाएं देश के अलग-अलग जिलों में होगी, शहरों में होगी। इसलिए आपको एक मंत्र याद रखना है। फील्ड में रहते हुए आप जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए, राष्ट्रीय परिपेक्ष्य होना चाहिए। आपको हमेशा यह याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक है।
इसलिए, आपके हर एक्शन, आपकी हर गतिविधि में नेशन फर्स्ट, आलवेज फर्स्ट – राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना रिफ्लेक्ट होनी चाहिए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे पुलिसकर्मियों ने, देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। इस प्रयास में कई पुलिसकर्मियों को अपने प्राणों ही आहुति तक देनी पड़ी है।
मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। बीते वर्षों में पुलिस फोर्स में बेटियों की भागीदारी को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया गया है। हमारी बेटियां पुलिस सेवा में दक्षता और जवाबदेही के साथ विनम्रता, सहजता और संवेदनशीलता के मूल्यों को सशक्त करती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो, मॉरीशस हो, हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है। हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा आती है, विपत्ति आती है, तो सबसे पहले हम ही एक दूसरे की मदद करते हैं।