बिहार में बाढ़ का तांडव, नीतीश ने मोदी-राजनाथ से लगाई मदद की गुहार

बिहार में बाढ़ का तांडव, नीतीश ने मोदी-राजनाथ से लगाई मदद की गुहार

पटना। नेपाल और बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण गंगा समेत राज्य की सात प्रमुख नदियों के लाल निशान से ऊपर रहने से राज्य के सात जिलों में बा़ढ की स्थिति को देखते हुए रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही सेना से मदद की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही व्यापक वर्षा और पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, मधुबनी, सुपौल और पश्चिम चम्पारण जिले में बा़ढ की स्थिति को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह तथा आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ एक बैठक की। बैठक में उन्होंने प्रभावित जिलों में चलाए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद प्रधानमंत्री, गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा केन्द्रीय गृह सचिव से दूरभाष पर बात कर उन्हें प्रभावित जिलों की पूरी स्थिति के संबंध में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया। प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जाने के लिए राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) की दस कम्पनियों और वायु सेना का एक हेलिकॉप्टर भेजे जाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में पहले से उपलब्ध एनडीआरएफ की टीम को तत्काल प्रभावित इलाकों में भेजे जाने का निर्देश दिया है। बा़ढ में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित एवं ऊंचे स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया गया है। प्रभावित जिलों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए हैं और बा़ढ में फसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई एनडीआरएफ के जवान कर रहे हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, गंडक डुमरिया घाट में ५४, बागमती बेनीबाद में ६७, कमला बलान झंझारपुर में २२४, कोसी बालतारा में १६५ तथा महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगराघाट एवं झावा में क्रमश: १६६ और ७२ सेंटीमीटर खतरे के लाल निशान से ऊपर है। कोसी बसुआ में लाल निशान से १४५ सेंटीमीटर ऊपर है जो वर्ष २०१० के उच्चतम जलस्तर से भी अधिक है। इसी तरह गंगा, घाघरा, गंडक, बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी और महानंदा नदी के जलस्तर में कई स्थानों पर लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच, मधुबनी से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कमला बलान नदी में आए उफान के कारण लोकहा-मधुबनी राजकीय उच्च पथ पर बा़ढ का पानी आ जाने से यातायात ठप हो गया है। इसी तरह घोघरडीहा-हटनी मुख्य मार्ग पर पानी आ जाने से जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। मधुबनी स्टेशन परिसर में भी बा़ढ का पानी प्रवेश कर गया है जिसके कारण यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना प़ड रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, मधुबनी जिले के कई सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और थाना परिसर में भी बा़ढ का पानी फैल गया है। स्थानीय प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। शिवहर से प्राप्त सूचना के अनुसार, बागमती नदी के लाल निशान से ऊपर रहने से जिले के पिपराही प्रखंड के नरकटिया और बेलबा गांव में बा़ढ का पानी प्रवेश कर गया है। बा़ढ के कारण पांच सौ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या १०४ पर बा़ढ का पानी दो फुट ऊपर आ जाने से जिला मुख्यालय का स़डक सम्पर्क मोतिहारी और सीताम़ढी से टूट गया है। सुपौल से प्राप्त ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वीरपुर बराज से रविवार को फिर दो लाख ६७ हजार २२० क्यूसेक पानी कोसी नदी में छो़डे जाने से आए उफान से जिले के छह प्रख़डों के ७८ गांव बा़ढ की चपेट में आ गए। बा़ढ के कारण ७२ हजार ५५० लोग प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में स्थानीय प्रशासन की ओर से १७२ नौका लगाया गया है। बेतिया से मिली सूचना के अनुसार, बूढी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि एवं उफान से पश्चिम चम्पारण जिले के लगभग नौ प्रखंडों के सात लाख लोग बा़ढ से प्रभावित हैं। नरकटियागंज स्टेशन परिसर में बा़ढ का पानी आ जाने से ट्रेनों को मार्ग बदल कर चलाया जा रहा है। रक्सौल से दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस को मार्ग बदलकर भाया हाजीपुर-छपरा होते हुए चलाया जा रहा है वहीं मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस का परिचालन मोतिहारी से होकर किया जा रहा है। किशनगंज से मिल रही सूचना के अनुसार, बा़ढ का पानी रेल पटरी पर आ जाने से हाव़डा-डिब्रूग़ढ कामरूप एक्सप्रेस ट्रेन स्टेशन पर ही ख़डी है। बगहा-गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर बा़ढ के कारण ट्रेनों का परिचालन बाधित है। कटिहार-बारसोई-गुवाहाटी रेल खंड पर कई जगहों पर पानी आ जाने से परिचालन बाधित हो गया है। इस मार्ग पर कई ट्रेनों को रद्द किया गया है।

About The Author: Dakshin Bharat