बेंगलूरु। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बुधवार त़डके विजय मुलगुंड के परिसरों पर छापेमारी की जो कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और राज्य के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। विजय के परिसरों पर हुई छापेमारी को शिवकुमार के करीब ६० ठिकानों पर हुई आयकर छापेमारी की अगली क़डी के रूप में देखा जा रहा है। शिवकुमार न सिर्फ कर्नाटक कांग्रेस में कद्दावर नेता हैं बल्कि दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान तक इनकी पहुंच मानी जाती है। आयकर सूत्रों के अनुसार शिवकुमार के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान यह खुलासा हुआ था कि शिवकुमार के कई व्यक्तियों और कंपनियों के साथ कथित रूप में व्यापारिक लेनदेन हैं। इसी क्रम मंे बुधवार को आयकर की टीमों ने बेंगलूरु, दिल्ली, चेन्नई सहित अन्य शहरों में करीब १० ठिकानों पर छापेमारी की और इसी में विजय मुलगंुड के परिसरों पर हुई छापेमारी भी शामिल है। मुलगंुड, कावेरी हंेडलूम कॉर्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष हैं और ऐसी खबरें हैं कि शिवकुमार के कुछ व्यापारिक कामकाज का संचालन भी मुलगुंड ही देखते हैं। संयोग से इसी महीने जब गुजरात के ४४ कांग्रेस विधायक राज्यसभा चुनाव के पूर्व बेंगलूरु के एक रिसोर्ट में लाए गए थे तब भी मुलगुंड को काफी सक्रियता पूर्वक उनकी मेजबानी करते देखा गया था। न सिर्फ गुजरात के कांग्रेसी विधायकों की मेहमाननवाजी में सक्रिय रूप से मुलगुंड लगे रहे थे बल्कि राज्यसभा चुनाव के एक दिन पूर्व जब सभी विधायक अहमदाबाद गए तब मुलगुंड ने भी उनके साथ अहमदाबाद के लिए उ़डान भरी थी। आयकर विभाग की टीम ने पहले मुलगंंुड के निवास स्थान पर छापेमारी की लेकिन बाद में पता चला कि कर्नाटक सहित देश के अलग अलग शहरों में १० जगहों पर छापेमारी हुई है जो शिवकुमार या उनके सहयोगियों से संबंधित है। सूत्रों के अनुसार आयकर टीम ने पहले बिना किसी पुलिस सुरक्षा के छापेमारी की शुरुआत की लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग की जो राज्य सरकार द्वारा तत्काल मुहैया कराई गई। गौरतलब है कि पिछली बार जब तीन दिनों तक शिवकुमार के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी तब आयकर टीम अपने साथ सीआरपीएफ के जवानों को लेकर पहुंची थी जिस पर राज्य सरकार ने क़डी आपत्ति जताई थी और राज्य के मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर राज्य की आपत्तियों से केन्द्र को अवगत कराया था।
शिवकुमार के सहयोगी भी आयकर शिकंजे में
शिवकुमार के सहयोगी भी आयकर शिकंजे में