किसी ने अखबार में विज्ञापन देकर तो किसी ने वॉट्सएप पर दिया था तलाक

किसी ने अखबार में विज्ञापन देकर तो किसी ने वॉट्सएप पर दिया था तलाक

हैदराबाद। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने तीन तलाक के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले का देशभर की मुस्लिम महिलाओं ने स्वागत कियाहै। फैसले को इस्लाम के साथ महिलाओं की जीत बतायागया है। मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि इस फैसले के बाद अजीबोगरीब ढंग से तलाक देने पर रोक लगेगी। साथ ही बिना किसी ठोस वजह के दिए जाने वाले तलाक पर रोक लगेगी। देशभर में कई ऐसे मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें जरा सी वजह से पुरुष महिलाओं को तलाक दे देते हैं।ऐसे ही कुछ मामले आंध्र और तेलंगाना में भी सामने आए थे। इन मामलों में पतियों ने बिना किसी वजह के अपनी पत्नियों को तलाक दे दिया, जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों सामने आया था जिसमें हैदराबाद की २५ साल की एक महिला को सऊदी अरब में रहने वाले उसके पति ने अखबार में विज्ञापन देकर तलाक दे दिया था। महिला ने अपने पति पर लाखों रुपए का दहेज मांगने और उसे प्रताि़डत करने का आरोप भी लगाया था। यह एक ऐसा अनूठा मामला था जिसमें अखबार में विज्ञापन देकर तलाक दे दिया गया था। इसी तरह से हैदराबाद में रहने वाली सुमायना नाम की एक महिला को अमेरिका में रहने वाले उसके पति ने वॉट्सएप पर ही तलाक लिखकर भेज दिया था। पति ने मैसेज में यह लिखा था कि यह तलाक तुम्हारे लिए बर्थडे गिफ्ट है। सुमायना के मुताबिक मैसेज में लिखा था, ‘तलाक, तलाक, तलाक। ये मेरा फैसला है। किसको लाती, किसको बताती, सबको बोलना है, बोल देना। मैं अपनी बात नहीं बदलूंगा। ये ही चाह रही थी न तू, लो दे दिया बर्थडे गिफ्ट।‘ इसके अलावा तीन तलाक के कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें पति ने पत्नी को पत्र या फोन के जरिए तलाक दे दिया। ऐसे ही एक मामले में हैदराबाद में एक पति ने पोस्टकार्ड भेजकर अपनी पत्नी को तीन तलाक दिए थे। उसने लिखा कि वह (पत्नी से) उससे कोई संबंध नहीं रखना चाहता इसलिए तलाक दे रहा है। महिला ने इस संबंध में स्थानीय थाने में शिकायत की थी, इसके बाद पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

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