मेरठ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा है कि सहारनपुर कांड के बारे में सदन में नहीं बोलने देने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया। सदन से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मेरठ के परतापुर में रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजनीतिक फायदा लेने के लिए सहारनपुर में जातीय संघर्ष कराया। उन्होंने कहा कि इस समय देश में इमरजेंसी से भी खराब हालात है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), ईडी जैसे जांच एजेसियां विरोधी पार्टी के नेताओं को टारगेट कर रहे हैं जबकि भाजपा अपने नेताओं बचा रही है। मायावती ने कहा कि सहारनुपर में उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। भाजपा और आरएसएस देश को हिंदुत्व के एजेंडे पर चलाना चाहते हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनावों के समय ईवीएम की ग़डब़डी से बसपा को काफी नुकसान हुआ है। ईवीएम में ग़डब़डी के मुद्दे को लेकर पार्टी को उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना प़डा। उन्होंने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण का मामला अब तक लटका है। प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं लागू हुआ। भाजपा के नेता शुरु से ही आरक्षण विरोधी मानसिकता के है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ पिछ़डे वर्गों के लिए बाबा साहब अंबेडकर ने आरक्षण की व्यवस्था की थी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान किसानों से कर्ज माफ किए जाने का वायदा किया था। चुनाव जीत जाने के बाद एक लाख रुपए तक का कर्जा माफ करने की बात कही गई। सबसे आश्चर्य तो तब हुआ जब किसानों के बकाए का एक रूपया, दस रुपए, बीस रुपए और ५० रुपए कर्ज माफ किए जानेे का मामला सामने आया।
सहारनपुर कांड के बारे में सदन में नहीं बोलने देने पर दिया इस्तीफा : मायावती
सहारनपुर कांड के बारे में सदन में नहीं बोलने देने पर दिया इस्तीफा : मायावती