जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उपचुनावों में करारी हार और मीि़डया एवं जनविरोध के भारी दबाव के चलते ही मुख्यमंत्री को काला कानून वापस लेने को मजबूर होना प़डा है। गहलोत ने मंगलवार को यहां एक बयान जारी कर कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी यह सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में अपने हश्र को देखते हुए डर गई है। उसका घमण्ड चूर हो गया है। इसी का नतीजा है कि सरकार ने संस्थागत भ्रष्टाचार को ब़ढावा देने के अपने कुत्सित कदमों को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने एवं पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता कानून, स्पेशल कोर्ट एक्ट, लोकसेवा गारंटी अधिनियम लागू किए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही इन सारे कानूनों को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों को भाजपा सरकार अमल में लाती तो यह काला कानून लाने की जरूरत ही नहीं प़डती तथा सरकार को ये बदनामी भी नहीं झेलनी प़डती।
हार से घबराई हुई सरकार ने काला कानून वापस लिया : गहलोत
हार से घबराई हुई सरकार ने काला कानून वापस लिया : गहलोत