अपराधियों के खिलाफ पुलिस मुठभेड़ों का सिलसिला नहीं थमेगा : योगी

अपराधियों के खिलाफ पुलिस मुठभेड़ों का सिलसिला नहीं थमेगा : योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधान परिषद में विपक्ष पर अपराधियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सूबे में पुलिस मुठभे़डों का सिलसिला नहीं थमेगा। मुख्यमंत्री ने शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह की व्यवस्था के सवाल पर विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह सबको पता है कि अपराधियों को संरक्षण कौन देता था। प्रदेश में पुलिस के साथ अपराधियों की मुठभे़ड की १,२०० घटनाओं में ४० दुर्दांत अपराधी मारे जा चुके हैं। आगे भी यह सिलसिला नहीं थमेगा। उन्होंने विपक्ष को कठघरे में ख़डा करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग जनता के प्रति जवाबदेही के बजाय अपराधियों के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि नोएडा में गत तीन फरवरी को जितेंद्र यादव नामक युवक को गोली मारे जाने को पुलिस ने भी मुठभे़ड नहीं माना है। पीि़डत ने भी इससे सहमति जताई है।योगी ने कहा कि जो मुद्दा अब मुद्दा ही नहीं रहा, विपक्ष उसे मुद्दा बना रहा है। दरअसल, विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा ही नहीं है। मुख्यमंत्री, दरअसल भाजपा सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह की उस सूचना पर अपनी बात कह रहे थे, जिसमें गत १३ फरवरी को विधान परिषद के सभापति रमेश यादव द्वारा नोएडा में पुलिस मुठभे़ड की एक घटना, पिछली तीन फरवरी को नोएडा में ही जितेंद्र यादव को पुलिस की गोली लगने और पिछले साल नोएडा में हुए एक हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने के आदेश के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उस पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था।योगी ने कहा कि देवेन्द्र प्रताप सिंह ने जो सवाल उठाए हैं, पीठ से अनुरोध है कि उन पर विचार करे। इस पर सपा सदस्यों ने आपत्ति करते हुए कहा कि अगर पीठ के आदेशों पर ही सवाल उठाए जाएंगे तो हम कहां जाएंगे? जब नेता विपक्ष अहमद हसन इस पर कुछ कहने के लिए उठे तो ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह ने यह कहते हुए आपत्ति की कि नियम ३९ में चर्चा का प्रावधान नहीं है। बहरहाल, हसन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पीठ ने सीबीआई जांच के आदेश तो सरकार को दिए हैं, अब गेंद सरकार के पाले में हैं। वह चाहे तो सीबीआई जांच की सिफारिश करे या ना करे। इस पर आपत्ति का क्या औचित्य है? बाद में, सभापति रमेश यादव ने इस पर व्यवस्था देते हुए कहा कि वह व्यवस्था संबंधी प्रश्न पर अपना निर्णय सुरक्षित रख रहे हैं।

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