भुवनेश्वर/बरहामपुर/भाषा। ओडिशा के तटीय क्षेत्र के लोग जहां चक्रवाती तूफान तितली का सामना कर रहे हैं, वहीं कई माताओं ने अपनी नवजात बच्चियों का नाम इस तबाही मचाने वाले तूफान के नाम पर रखा है। गंजाम, जगतसिंहपुर और नयागढ़ में कई परिवारों ने अपनी नवजात बच्चियों का नाम तितली रखा है, जिनका जन्म तूफान के आने से कुछ ही समय पहले या इसकी आमद के बाद हुआ था।
छतरपुर के उप संभागीय अस्पताल में गुरुवार सुबह जुड़वां बच्चियों को जन्म देने वाली पारादीप की 20 वर्षीया अलेमा उनके नाम तितली रखना चाहती है। उसने कहा, मैं अपनी बेटियों के नाम तितली रखना चाहती हूं। इसी तरह प्लूरूगडा की बिमला दास ने भी इसी अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया और वह उसका नाम तूफान के नाम पर रखना चाहती है। अस्का के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार रात से गुरुवार सुबह 11 बजे के बीच नौ बच्चियों का जन्म हुआ।
तितली ने यहां मचाई तबाही
तितली तूफान के बाद उपजे हालात ने कई जगह तबाही मचाई है। ओडिशा के गजपति जिले के बारघरा गांव में भूस्खलन से शुक्रवार को 12 लोगों की मौत और तीन के घायल हो जाने की घटना के मद्देनजर राज्य सरकार ने डॉक्टरों की एक टीम शनिवार को वहां भेजी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि गजपति जिले के रायगडा विकासखंड के गंगावाडा पंचायत के तहत बारघरा गांव में शुक्रवार को भूस्खलन की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
पहुंचने के लिए काटने पड़े पेड़
मुख्य सचिव एपी पाधी ने बताया कि घटनास्थल पर भेजी गई टीम में गजपति जिले के पुलिस अधीक्षक, उप कलेक्टर, डॉक्टर और अन्य अधिकारी शामिल हैं। यह टीम सुबह घटनास्थल की ओर रवाना हो गई। पाधी ने बताया कि भूस्खलन वाले क्षेत्र गजपति जिले में आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलनम जिले की सीमा की ओर रायगाडा ब्लॉक में स्थित है और यह दुर्गम स्थान है। टीम को घटनास्थल पर पहुंचने के लिए पेड़ों को काटकर 17 किलोमीटर से ज्यादा सफर तय करना पड़ा।
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