अंधविश्वास की हद, मंदिर में काटी खुद की गर्दन और चढ़ा दी देवी को बलि

अंधविश्वास की हद, मंदिर में काटी खुद की गर्दन और चढ़ा दी देवी को बलि

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बाराबंकी/वार्ता। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सोमवार को अंधविश्वास की पराकाष्ठा का नमूना देखने को मिला जब दरियाबाद क्षेत्र में एक युवक ने अपना सिर काटकर देवी मंदिर में बलि दे दी। पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव के अनुसार कोटवा गांव निवासी अनिरुद्ध यादव (18) गांव के ही पास एक देवी मंदिर में करीब चार बजे पूजा करने गया था और वही उसने बांके से वार कर अपनी गर्दन काटकर देवी को चढ़ा दी।

उन्होंने बताया कि गर्दन काटते ही चीख-पुकार सुनकर लोगों ने जब तक उसको बाहर निकाला तब तक उसकी मौत हो गई थी। पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कर रही है जबकि स्थानीय नागरिक पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार अनिरुद्ध यादव ने एक वर्ष से देवी मंदिर में पूजा करने आ रहा था। उसने एक साल तक अनाज न खाकर देवी की उपासना की थी और उसके बाद उसने गांव में भंडारा भी कराया था। सोमवार को वह मंदिर गया और वहां पर उसने धारदार हथियार से अपनी गर्दन काट दी।

इस घटना के बाद आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। यह मामला सोशल मीडिया पर आया तो लोग इसके बारे में जानकर हैरान रह गए। कई लोगों ने अपनी राय प्रकट करते हुए कहा कि भक्ति के साथ विवेक होना जरूरी है। किसी के द्वारा अपने इष्ट के प्रति समर्पण रखना अच्छी बात है, लेकिन बेहतर होता कि खुद की जान देने के बजाय किसी और को जीवनदान दिया जाए। धर्म कल्याण करना सिखाता है। भावावेश में आकर आत्मघाती कदम उठाना उचित नहीं है।

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