रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान के लिए सोमवार को लोग घरों से निकले और वोट डाले। कई मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं और लोग धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। नक्सलियों की धमकी के बावजूद आम लोगों ने मतदान में उत्साहपूर्वक भाग लिया और विधानसभा की 18 सीटों पर खड़े उम्मीदवारों को चुनने के लिए ईवीएम का बटन दबाया।
मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। वहीं राजनांदगांव के पांच और बस्तर के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान केंद्रों की झलकियां सोशल मीडिया में छाई रहीं। नक्सल प्रभावित सुकमा में सौ साल की एक महिला ने भी वोट डाला। दोरनापाल निवासी इस महिला ने बेखौफ होकर मतदान किया। सोमवार को जिन सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से ज्यादातर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आती हैं।
लोकतंत्र के उत्सव में उत्साह
पिछले कुछ दिनों से नक्सलियों के हमले और मुठभेड़ के बाद भी लोगों का लोकतंत्र के इस उत्सव के प्रति काफी उत्साह रहा। नक्सलियों ने मतदान के दिन भी दंतेवाड़ा में आईईडी से धमाका किया। इस धमाके में किसी के हताहत होने के समाचार नहीं हैं। घटनास्थल से कुछ दूरी पर पोलिंग बूथ नंबर 183 था। नक्सलियों ने दहशत पैदा करने के लिए कुछ स्थानों पर पोस्टर लगाए और लोगों से कहा कि वे मतदान का बहिष्कार करें।
शांतिपूर्ण मतदान के लिए सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए थे। इसके अलावा नक्सलियों के खतरे के मद्देनजर करीब एक लाख जवानों को तैनात किया गया। मतदान केंद्रों पर खासी चौकसी बरती गई। निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली गई। कई स्थानों पर हेलिकॉप्टरों से टीमों को भेजा गया।
चुनावों से पूर्व ही सुरक्षाबल कई इलाकों में मुस्तैदी से गश्त कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने दस दिनों में ही करीब 300 आईईडी बरामद की थीं। इसके अलावा कई बार नक्सली हमले हुए जिनमें जवानों ने शहादतें दीं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, बीजापुर जैसे स्थानों पर भीषण हमले हुए। मतदान से एक दिन पहले ही कांकेर में आईईडी से छह धमाके किए गए जिनमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था।
ऐसे समझें सीटों का गणित
छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में करीब 31.80 लाख मतदाता हैं। कुल 90 विधानसभा सीटों में से 18 इन इलाकों में स्थित हैं। शेष 72 सीटों के लिए 20 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित कुछ क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक ही वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा डोंगरगढ़, खुज्जी, बस्तर जैसे इलाकों में यह समय सुबह आठ से शाम पांच बजे तक रहेगा। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि करीब 900 मतदानकर्मी हेलिकॉप्टर से और 16,500 से ज्यादा कर्मी सड़क मार्ग से भेजे गए।
इस बार चुनाव आयोग ने महिलाओं के लिए अलग बूथ भी बनाए थे। यहां ज्यादातर महिला स्टाफ को तैनात किया गया। राजनांदगांव के कमला कॉलेज में संगवारी पिंक बूथ में ईवीएम में खराबी आने से कुछ देर के लिए मतदान रुका। हालांकि बाद में यहां मतदान दोबारा शुरू हो गया। प्रदेश के ज्यादातर मतदान केंद्रों पर लोगों की खूब आवाजाही लगी रही। कई दिव्यांग भी मतदान करने आए।
मतदान प्रक्रिया को बाधित करने के लिए नक्सली कई हथकंडे अपनाते रहे। बांदा के एक मतदान केंद्र के पास तीन आईईडी की जानकारी मिली जिसे निष्क्रिय करने के लिए सीआरपीएफ का विशेषज्ञ दल मौके पर पहुंचा।