मथुरा। प्रसिद्ध भजन गायक विनोद अग्रवाल का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने सुबह 4 बजे आखिरी सांस ली। वे मथुरा के नयति अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर सुनकर प्रशंसकों में शोक की लहर है। लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। उनकी पार्थिव देह को वृंदावन के पुष्पांजलि बैकुंठ अपार्टमेंट आवास पर लाया गया है।
यहां लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। विनोद अग्रवाल को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां भगवान के भजन गाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, शाम 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अस्पताल ने बताया है कि विनोद अग्रवाल यहां दो दिन से भर्ती थे। उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी हालत लगातार नाजुक होती जा रही थी।
डॉक्टरों ने उनका जीवन बचाने की बहुत कोशिश की, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन विनोद अग्रवाल बचाए नहीं जा सके। परिजनों ने बताया कि वे वृंदावन स्थित आवास पर थे कि रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सीने में दर्द होने लगा। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां धीरे-धीरे उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और तबीयत बिगड़ती गई।
विनोद अग्रवाल को भजन गायन में बहुत ख्याति मिली। भगवान कृष्ण और राधाजी में उनकी गहरी आस्था थी। उनके पिता किशननंद अग्रवाल और मां रत्न देवी अग्रवाल भी बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे। उनका प्रभाव बेटे पर पड़ा। विनोद अग्रवाल का जन्म 6 जून, 1955 को दिल्ली में हुआ था। वे वर्ष 1962 में परिवार के साथ मुंबई आ गए।
जब उनकी उम्र 12 साल थी, तभी उन्होंने भजन गायन और वाद्य यंत्रों को बजाने में महारत हासिल कर ली। विनोद अग्रवाल का विवाह 20 साल की उम्र में कुसुमलता देवी से हुआ था। उनके दो बच्चे जतिन और शिखा हैं। जतिन मुंबई में कपड़ों का कारोबार करते हैं।
विनोद अग्रवाल ने भारत के विभिन्न शहरों के अलावा विदेशों में भी खूब प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने इंग्लैंड, सिंगापुर, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विटजरलैंड, आयरलैंड और दुबई सहित कई देशों में भजन गाकर कृष्णभक्ति की रसधारा बहाई थी। विभिन्न टीवी चैनलों पर उनके कार्यक्रम प्रसारित होते थे। इसके अलावा यूट्यूब पर भी उनके भजन खूब सुने जाते हैं।
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