जम्मू/भाषा। विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के संगठन पनुन कश्मीर ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले का स्वागत किया है। संगठन गत तीन दशक से विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के लिए कश्मीर घाटी में केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करता रहा है।
संगठन के समन्वयक अग्नि शेखर ने बुधवार को कहा, हम इसका स्वागत करते है। हम खुश हैं कि भारत सरकार ने पनुन कश्मीर के अभियान और उसके तीन दशक से देश एवं विदेश में जारी अभियान पर संज्ञान लिया।
उन्होंने कहा, सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-370 और 35ए के तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को जारी रखने से होने वाले ‘खतरनाक असर’ का सही आकलन किया। पनुन कश्मीर नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मौजूद अलगाववादी और आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने में केंद्र सरकार का हर संभव सहयोग करेगा।
शेखर ने कहा, हम मांग करते हैं कि भारत सरकार नरसंहार और जातीय सफाए के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए तुरंत विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू करे। पनुन कश्मीर अपील करता है कि सरकार ‘अर्ध अलगाववादी प्रशासनिक प्रक्रियाओं’ को छोड़ राष्ट्रनिर्माण की नीति को स्थापित करे।
उन्होंने कहा, पनुन कश्मीर मांग करता है कि सात लाख कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास के लिए कश्मीर में वितस्ता (झेलम) नदी के उत्तर और पूर्व में केंद्र प्रशासित क्षेत्र का गठन किया जाए।