रांची/नई दिल्ली/वार्ता। झारखंड विधानसभा के 79 विधायकों में से 49 यानी 62 प्रतिशत विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और उनमें से 38 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। भारतीय जनता पार्टी के मनीष जायसवाल सबसे अमीर विधायक हैं और उनकी कुल संपत्ति 18 करोड़ रुपए से ज्यादा है जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह तथा आलमगीर आलम हैं जिनकी कुल संपत्ति 10 करोड़ और छह करोड़ रुपए से अधिक है। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म तथा झारखंड इलेक्शन वाच की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 36 विधायकों में से 11 आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जबकि कांग्रेस के आठ विधायकों में से पांच आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के 18 विधायकों में से 11 आपराधिक पृष्ठभूमि हैं। झारखंड विकास मोर्चा के आठ में से पांच विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान विधायकों में से तीन के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हैं जबकि 10 के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 79 में से 41 यानी 52 प्रतिशत करोड़पति हैं जिनमें भाजपा के 21 तथा झामुमो के नौ, कांग्रेस के पांच तथा झाविमो के तीन सदस्य करोड़पति हैं। इन विधायकों की औसत संपत्ति 1.84 करोड़ रुपए है।
विधानसभा के नौ सदस्यों ने अभी तक अपनी आय घोषित नहीं की है इनमें अमित कुमार मंडल की कुल संपत्ति पांच करोड़ 49 लाख से ज्यादा है लेकिन उन्होंने आयकर फाइल नहीं किया है। हलफनामे में 28 विधायकों ने अपनी शिक्षा के बारे में जानकारी दी है और उनकी शिक्षा आठवीं से 12वीं उत्तीर्ण हैं जबकि 50 विधायक स्नातक हैं।
झारखंड में 62 प्रतिशत विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के
झारखंड में 62 प्रतिशत विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि के