कानपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब शनिवार को यहां गंगा बैराज की सीढ़ियां चढ़ रहे थे तो अचानक फिसल गए। हालांकि प्रधानमंत्री को चोट नहीं लगी और वे पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन उनके दौरे के बीच ऐसी घटना होने से कई सवाल उठ रहे हैं। खासतौर से सीढ़ियों की बनावट को लेकर, क्योंकि पहले भी यहां कई लोग फिसलकर गिर चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने सीढ़ियों को दुरुस्त कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों यहां फिसलकर गिर चुके लोगों की तादाद कम से कम आधा दर्जन है। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी यहां राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के सिलसिले में आए थे। जब वे गंगा बैराज पर अटल घाट की सीढ़ियां चढ़ रहे थे तो अचानक फिसल गए।
एक वीडियो में देखा गया कि इसके बाद प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत संभाला। जब देशभर में लोगों ने यह वीडियो देखा तो उन्होंने प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर टिप्पणी कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और यह जानकर राहत की सांस ली कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना की वजह एक सीढ़ी का ऊंचा होना बताया गया है। इसकी ऊंचाई दूसरी सीढ़ियों की तुलना में ज्यादा होने से यहां अक्सर लोगों का संतुलन कायम नहीं रह पाता और वे चोटिल भी हो जाते हैं। बताया गया है कि हाल में जब गंगा घाट का निरीक्षण किया गया तो करीब आधा दर्जन लोग फिसलकर गिर गए जिसकी अहम वजह यह सीढ़ी थी।
हालांकि, मंडलायुक्त सुधीर एम. बोबडे का कहना है कि एसपीजी को इस संबंध में पहले जानकारी दी गई थी। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि निर्माण कराने वाली एजेंसी से बात कर सीढ़ियों को तोड़ा जाएगा। वहीं, सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपने इलाकों में त्रुटिपूर्ण निर्माण और लापरवाही का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे कई लोग चोटिल हो चुके हैं लेकिन प्रशासन को आम लोगों की कोई फिक्र नहीं है।