देश को समाजवाद नहीं, रामराज्य की जरूरत: योगी

देश को समाजवाद नहीं, रामराज्य की जरूरत: योगी

उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ/भाषा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि रामराज्य का मतलब किसी धार्मिक शासन व्यवस्था से नहीं है और देश को रामराज्य की जरूरत है, समाजवाद की नहीं। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, इस देश में रामराज्य ही चाहिए, समाजवाद नहीं चाहिए क्योंकि जो अस्वाभाविक है, अप्राकृतिक है और अमानवीय है, वह चेहरा समाजवाद का देश के सामने आया है। जो सार्वभौमिक है, सार्वदेशिक है, सर्वकालिक है, कालपरिस्थितियों से परे शाश्वत है, वही रामराज्य है।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार रामराज्य की अवधारणा को जमीन पर उतारने को प्रतिबद्ध है। तुलसीदास ने रामराज्य की अवधारणा स्पष्ट की। इसका मतलब धार्मिक राज्य से नहीं है। हर प्रकार के दुखों से सर्वथा मुक्ति का उपाय किसी भी लोककल्याणकारी शासन का दायित्व बनता है। इसी को हमने धर्म के साथ जोड़ा है, किसी उपासना विधि से नहीं जोड़ा है। सिर्फ टोपी पहन लेने से धर्म नहीं हो जाता है।

योगी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, तुलसीदास ने कहा कि कोई-कोई ही इस अवधारणा को समझ पाएगा। हर व्यक्ति की समझ से बाहर है कि वास्तव में रामराज्य है क्या। मुख्यमंत्री ने सपा और कांग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए कहा, जिन लोगों ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, वे आज उपद्रवियों पर हो रही कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। जिन लोगों ने इसी सदन में विधायकों को चोटिल किया था वे सदन की गरिमा की दुहाई देते हैं। तंदूर कांड करने वाले लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। ‘बच्चों से गलती’ हो जाने की बात कहने वाले लोग यहां पर महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं।

उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा गत नौ नवम्बर को अयोध्या मामले में सुनाए गए फैसले की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वर्ष 1990 में अयोध्या में गोली का शिकार हुए रामभक्तों की बात पर आखिर उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगाई। नौ नवम्बर, 2019 को साबित हुआ है कि जो रामभक्त अयोध्या में मंदिर की मांग कर रहे थे, वे सही थे; जो गोली चलाने वाले थे, वे गलत थे।

योगी ने कहा कि जो लोग रामभक्तों पर गोली चलाना उचित मानते हैं और आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेते हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर हमला हुआ था…अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ की कचहरियों में हमले करने वाले लोग कौन चेहरे थे, जिन्होंने इन आतंकवादियों और देशद्रोहियों के साथ संबंध जोड़कर उनके मुकदमे वापस लेने का कुत्सित प्रयास किया था।

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