भोपाल/भाषा। मध्य प्रदेश के आगर-मालवा और देवास जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की आशंका वाले नुकसानदेह कृत्यों में लिप्त रहने के आरोप में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रदेश में कोरोना वायरस की महामारी से आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
आगर-मालवा के जिला पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने शुक्रवार को बताया कि जिले के नलखेड़ा कस्बे में एक धार्मिक स्थान के पीछे बने एक कमरे में सामूहिक तौर पर रहने वाले 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इन्हें पृथक् रखा गया है।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि गिरफ्तार किए गए इन लोगों में से किसी ने भी मार्च माह में निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात के धार्मिक सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ये मुस्लिम श्रद्धालु अपने समुदाय के लोगों के बीच धर्मोपदेश करने में शामिल थे।
एसपी ने बताया कि ये लोग दिल्ली के रहने वाले हैं और यहां 10 मार्च को आए थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने इसकी सूचना भी अधिकारियों को नहीं दी और एक साथ रहकर यहां लागू धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया है।
सिंह ने बताया कि इनके खिलाफ भादंवि की धारा 188 (सरकारी सेवक के कानूनी आदेश की अवहेलना), धारा 269 (उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य हो) और धारा 270 (परिद्वेषपूर्ण कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसी तरह देवास के पुलिस अधीक्षक कृष्णा वेणी देसावपु ने बताया कि बृहस्पतिवार को देवास में 11 लोगों को भादंवि की समान धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 10 लोग जयपुर से आए थे और वे उस स्थानीय व्यक्ति को जानकारी दिए बिना बिना इधर-उधर जा रहे थे जिसने उन्हें आश्रय दिया था। वे जिले में कर्फ्यू लगा होने के बाद भी ऐसा कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि ये लोग धार्मिक कार्यों से यहां आए हैं। एसपी ने बताया कि प्रक्रिया के मुताबिक इन सभी लोगों को 14 दिन के लिए पृथक रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों में से किसी ने भी मार्च माह में निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात के धार्मिक सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि देवास एसपी ने कहा कि ये लोग तबलीगी जमात का हिस्सा हैं और धार्मिक संदेश फैलाने में लगे हुए हैं।