लखनऊ/भाषा। कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में प्लाज्मा थैरेपी की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई और केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो अस्पताल में इस कार्य के लिए अपना प्लाज्मा दान करेंगे।
इस नेक काम के लिए उन्होंने शनिवार को रमजान के पहले दिन रोजा रख कर अपने रक्त का नमूना केजीएमयू को दिया। उनके रक्त की जांच ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में हो रही है। जांच के बाद सब कुछ ठीक पाए जाने पर डॉ. खान के शरीर से प्लाज्मा लिया जाएगा, जो कोरोना वायरस से संक्रमित कम से कम दो गंभीर मरीजों के इलाज में काम आएगा।
केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा ने शनिवार को एक विशेष बातचीत में बताया, ‘केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर रोगियों के इलाज पर काम शनिवार से शुरू हो गया। इस सिलसिले में केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान के रक्त का नमूना लिया गया है। वे संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो गए हैं।
उन्होंने बताया, ‘इस नमूने की जांच में हम उनके रक्त में एंटी-बाडीज की क्या स्थिति है, उसकी जांच करेंगे। उसके बाद हम उनके शरीर से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा ‘प्लाज्मा फेरेसिस’ विधि से निकालेंगे। इस प्रकिया में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। इसके बाद हम इस प्लाज्मा को स्टोर कर लेंगे।’
डॉ. खान के रक्त की जांच के बाद उनके रक्त से प्लाज्मा निकालने की प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है। उन्होंने बताया, ‘इस प्लाज्मा को हम स्टोर कर लेंगे और गंभीर मरीज को इस प्लाज्मा में से 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। यानी एक मरीज के प्लाज्मा से दो मरीजों को ठीक किया जा सकता है।’
डॉ. चंद्रा ने बताया कि अगर पहली बार 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाए जाने से मरीज में सकारात्मक परिणाम नहीं दिखता है तो उसमें दोबारा 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा।
केजीएमयू के डॉ. खान में एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद 17 मार्च को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वे सात अप्रैल को केजीएमयू से ठीक होकर अपने घर में 14 दिन के लिए पृथक-वास में रहे थे। अब वह एक बार फिर केजीएमयू में अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं।
डॉ. खान ने कहा, ‘मुझसे कोविड-19 मरीजों की जांच कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिंमाशु ने पूछा कि क्या मैं प्लाज्मा दान करने वाला पहला व्यक्ति बनना चाहूंगा। मैंने तुरंत हां कर दी क्योंकि रमजान के पवित्र महीने में अगर मैं किसी मरीज की जान बचाने के काम आ सकूं तो इससे बेहतर क्या होगा। मैंने शनिवार को अपना पहला रोजा रखने के दौरान अपना रक्त परीक्षण के लिये दे दिया।’
डॉ. हिमांशु ने बताया, ‘डॉ. खान का रक्त परीक्षण के लिए ले लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम शनिवार शाम या रविवार को उनका प्लाज्मा निकालेगी।’ डॉ. चंद्रा के मुताबिक प्लाज्मा निकालने के बाद इसे अन्य गंभीर मरीजों में इसे चढ़ाने की प्रक्रिया सोमवार या मंगलवार को शुरू हो सकती है।