इंदौर/भाषा। कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी पर यहां एक महिला डॉक्टर ने बृहस्पतिवार को प्रसन्नता जताई।
महिला डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों के उस दल में शामिल थीं जिस पर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में 22 दिन पहले पत्थर बरसाए गए थे। घटना में महिला डॉक्टर और उनकी एक साथी चिकित्सक के पैरों में चोट आई थी। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढ़ने गया था।
पथराव की शिकार दो महिला डॉक्टरों में शामिल तृप्ति काटदरे (40) ने कहा, ‘नया कानूनी प्रावधान सरकार का एक अच्छा कदम है और इससे मुझ जैसे लाखों स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 से जंग में निश्चित तौर पर काफी मदद मिलेगी। मैं इस प्रावधान से खुश हूं।’
उन्होंने कहा, ‘सब लोगों को समझना चाहिए कि कोविड-19 से लड़ रहा हर स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर औरों की जिंदगी बचाने के लिए काम कर रहा है।’ पथराव से विचलित हुए बिना काटदरे टाटपट्टी बाखल इलाके में महामारी के खिलाफ जारी अभियान में इस बहुचर्चित घटना के अगले ही दिन दोबारा जुट गई थीं।
सद्भाव का प्रदर्शन करते हुए 40 वर्षीया महिला डॉक्टर ने मंगलवार को टाटपट्टी बाखल में ठीक उसी जगह खड़े होकर कुछ लोगों को पौधे भेंट किए जहां उन पर कभी पत्थर बरसाए गए थे। पौधे प्राप्त करने वाले लोग टाटपट्टी बाखल क्षेत्र के ही 48 रहवासियों के उस समूह में शामिल थे जो 14 दिन तक पृथक केंद्र में रहने के बाद अपने घर लौटे थे।
गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमलों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाते हुए बुधवार को ऐसे अपराधों को गैर-जमानती बनाने के साथ ही अधिकतम सात साल की जेल और पांच लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया था। इस महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 को राष्ट्रपति की हरी झंडी मिल चुकी है।
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ इंदौर में अलग-अलग स्तर पर अभियान चला रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों को गुजरे एक महीने के दौरान विभिन्न घटनाओं में असहयोग, बदसलूकी, धमकियों और हमलों का शिकार होना पड़ा है। इन वाकयों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो चुके हैं।
इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में बृहस्पतिवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 945 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 53 लोग इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं, जबकि 77 मरीजों को स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।