वज्र की तरह प्रहार: सुरक्षा बलों ने नाइकू समेत 6 आतंकियों का काटा जहन्नुम का टिकट!

वज्र की तरह प्रहार: सुरक्षा बलों ने नाइकू समेत 6 आतंकियों का काटा जहन्नुम का टिकट!

श्रीनगर/दक्षिण भारत। जम्मू-कश्मीर में बुधवार को आतंकियों पर सुरक्षा बलों का प्रहार वज्र की तरह टूटा। इस दौरान हिजबुल का टॉप कमांडर रियाज नाइकू मारा गया। वहीं, अब तक छह आतंकियों के खात्मे की खबरें मिल रही हैं। ये आतंकी दो अलग-अलग स्थानों पर हुईं मुठभेड़ में ढेर हो गए। एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों स्थानों से सुरक्षा बलों ने चार शव बरामद कर लिए हैं।

बता दें कि कुख्यात आतंकी नाइकू पिछले आठ साल से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। उस पर 12 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। उस पर आतंकवाद और विभिन्न आपराधिक मामलों के करीब 10 मामले दर्ज थे। ए++ श्रेणी के इस आतंकी की सुरक्षा बलों को तलाश थी जो बुधवार को पूरी हुई।

सुरक्षा बलों द्वारा यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब हाल में कर्नल, मेजर समेत आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इन जांबाजों को लेकर पूरा देश गमगीन था और यह मांग की जा रही थी कि आतंकियों को कठोर दंड दिया जाए।

वहीं, स्थानीय प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए यहां मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। नाइकू के खात्मे के बाद मुठभेड़ स्थल के आसपास पत्थरबाजी भी हुई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने इस पर काबू पा लिया।

एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों को यह जानकारी मिल गई थी कि आतंकी रियाज नाइकू अपने गांव बेघपोरा आया हुआ है। इसके बाद इस गांव को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। बताया गया है कि नाइकू के साथ दो-तीन आतंकी और भी थे। रिपोर्ट के अनुसार, कार्रवाई में उनका भी खात्मा हो गया। हालांकि ये पंक्तियां लिखे जाने तक इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। दूसरी ओर, अवंतीपोरा के शारशाली नामक इलाके में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

आतंकी रियाज नाइकू के गांव आने की सूचना मंगलवार रात को ही सुरक्षा बलों को मिल गई थी। सूचना पर एसओजी, 55 आरआर और सीआरपीएफ की 185 बटालियन ने मोर्चा संभाला। जब नाइकू ने खुद को सुरक्षा बलों से घिरता देखा तो उसने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस पर सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की तो यह आतंकी अपने अंजाम को पहुंच गया।

सोशल मीडिया पर यह समाचार ट्रेंड कर रहा है। यूजर्स ने सुरक्षा बलों की तारीफ कर उन्हें ‘असली हीरो’ कहा है। साथ ही इस बात का जिक्र किया है कि ‘आतंकवाद की नर्सरी’ पाकिस्तान के खिलाफ एक बार फिर बालाकोट की तरह कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

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