लखनऊ/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी रुकवा दी। मामला यहां के पारा इलाके का है। बताया गया कि विधिक नियम कायदों का पालन नहीं किया गया, तो शादी रुकवा दी गई। ये पंक्तियां लिखे जाने तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बुधवार को पारा इलाके की डूडा कॉलोनी में अंतरधार्मिक शादी हो रही है। इसके बाद एक पुलिस दल वहां पहुंचा। उन्होंने पाया कि शादी को लेकर तैयारियां हो रही हैं।
इसके बाद पुलिस ने दोनों परिवारों को कहा कि शादी के लिए जरूरी विधिक कार्यवाही पूरी की जाए। पुलिस ने उन्हें पारा थाने बुलाया और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के बारे में भी जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार, दोनों परिवार शादी टालने के लिए राजी हो गए हैं और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि उक्त अध्यादेश में छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डालकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना गया है।
दोषी पाए जाने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल कैद हो सकती है। साथ ही 15,000 रुपए जुर्माना लग सकता है। इसके प्रावधानों के अनुसार, अगर नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के मामले में उक्त अपराध किया गया तो दोषी को तीन साल से 10 साल तक कैद और 25,000 रुपए जुर्माना लग सकता है।