भारतीय सेना ने पीएलए द्वारा माइक्रोवेव हथियारों के इस्तेमाल संबंधी दावे को खारिज किया
लेह/दक्षिण भारत। भारतीय सेना की दृढ़ता के सामने बेबस चीन अब ‘फर्जीवाड़े’ पर उतर आया है। यूं तो चीनी माल फर्जीवाड़ा, नकल और खराब गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, लेकिन अब चीनी फौज भी इसी सिद्धांत पर चल पड़ी है।
दरअसल चीन ने अपने मीडिया के जरिए यह फर्जी खबर फैलानी शुरू कर दी है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने लद्दाख में माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल किया है। वहीं, भारतीय सेना ने चीन की इन फर्जी खबरों का खंडन करते हुए आगाह किया है।
इस संबंध में भारतीय सेना के एडीजीपीआई ट्विटर हैंडल पर कहा गया है, ‘पूर्वी लद्दाख में माइक्रोवेव हथियारों के इस्तेमाल पर मीडिया रिपोर्ट्स आधारहीन हैं। ये खबर फर्जी है।’ दूसरी ओर, भारतीय रक्षा विशेषज्ञ भी चीन के उक्त दावे की सत्यता पर सवाल उठाते हुए इसका खंडन कर चुके हैं।
चीन ने अपने फर्जी दावे में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध के मद्देनजर पीएलए ने यहां माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद ऊंचाइयों पर काबिज भारतीय सेना नीचे आ गई।
चीनी दावे में कहा गया है कि दो हिलटॉप्स पर कब्जे के लिए इन्हें ‘माइक्रोवेव ओवन’ में परिवर्तित किया गया। इसके लिए डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (डीईडब्ल्यू) का उपयोग किया गया। दावे के मुताबिक, इन हथियारों के उपयोग से वहां मौजूद भारतीय सैनिकों को उल्टियां होने लगीं।
एक साक्षात्कार में कर्नल दानवीर सिंह ने कहा कि चीन का यह दावा निराधार है। चूंकि ऐसे हथियार एक सीधी रेखा में काम करते हैं, जबकि लद्दाख पहाड़ी इलाका है, लिहाजा यह चीन द्वारा किया जा एक प्रोपेगैंडा है।
इसी प्रकार एक और विशेषज्ञ भी इसे चीन द्वारा प्रसारित की जा रही फेक न्यूज करार देते हैं, जिसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। उनका तर्क है, ‘अगर चीन इसी प्रकार की माइक्रोवेव तरंगें भेजेगा और उससे भारतीय सेना को नुकसान होगा, तो क्या सेना पलटवार नहीं करेगी? वह जरूर भरपूर जवाब देगी।’
बता दें कि चीन द्वारा फर्जी खबरों का सहारा लिए जाने की असल वजह यह है गलवान घाटी की घटना के बाद भारतीय सेना ने उसे विभिन्न मोर्चों पर उलझा रखा है। गलवान घाटी में भी उसके 40 जवानों के मारे जाने की रिपोर्टें सामने आई थीं लेकिन उसने अपनी जनता को सच्चाई नहीं बताई। वहीं, भारतीय सेना ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई चोटियों पर कब्जा कर रखा है। ऐसे में चीन फर्जी खबरें फैलाकर अपनी जनता की नजरों में ‘बहादुर’ बनने की नाकाम कोशिश कर रहा है।