इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की नाम पट्टिका का अनावरण
भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (आईआईएल) की नाम पट्टिका का शनिवार को भुवनेश्वर में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन ने अनावरण किया।
इस अवसर पर मनन कुमार मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता और अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (बीसीआई); अशोक परीजा, महाधिवक्ता, ओडिशा; देबी प्रसाद धल, वरिष्ठ अधिवक्ता और कार्यकारी अध्यक्ष, बीसीआईटी; प्रो. अच्युत सामंत, शिक्षाविद् एवं एसोसिएट प्रबंध न्यासी, बीसीआईटी और संस्थापक, केआईआईटी और केआईएसएस एवं विधि विशेषज्ञ मौजूद थे।
आईआईएल कानून के क्षेत्र में कौशल विकास के साथ-साथ सतत कानूनी शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विधि शिक्षकों की अकादमी का एक मॉडल संस्थान होगा। यह संस्थान देश के युवा लॉ स्कूल शिक्षकों को जोड़ेगा और उनकी विशेषज्ञता, पेशेवर कौशल को बढ़ाने के लिए प्रयास करेगा।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने आईआईएल की स्थापना का स्वागत किया और इस कदम के लिए बीसीआईटी और केआईआईटी की सराहना की। उन्होंने कहा कि सतत शिक्षा हर पेशे में महत्वपूर्ण है; यह हर किसी के जीवन का हिस्सा है। शायद, यह पहला कदम है जो इस संस्कृति को फिर से आत्मसात करेगा।
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बीसीआई और केआईआईटी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईआईएल की स्थापना भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया के इतिहास में एक मील का पत्थर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बीसीआई और केआईआईटी के सहयोग से आईआईएल उन संकायों का निर्माण करेगा जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। यह उन संकायों का भी निर्माण करेगा जो छात्रों के बीच संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करेंगे।
न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन ने कहा कि वर्तमान में देश में 1,000 से अधिक लॉ कॉलेज हैं, जो हर साल लगभग 2.5 लाख लॉ ग्रेजुएट तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि आईआईएल शिक्षाविदों और पेशेवरों के बीच विचार विमर्श का माहौल तैयार करेगा।
मनन कुमार मिश्रा ने उदार सहयोग के लिए प्रो. अच्युत सामंत का आभार व्यक्त किया। मिश्रा ने कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) के जरिए समाज की निस्वार्थ सेवा कर रहे प्रो. सामंत के प्रयासों को सराहा, जिनके संस्थान में 30,000 आदिवासी बच्चे आवासीय माध्यम से निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
प्रो. अच्युत सामंत ने अपने संबोधन में कहा कि भुवनेश्वर में आईआईएल जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान की स्थापना ओडिशा के लिए गौरव की बात है। उन्होंने केआईआईटी के साथ भागीदारी के लिए बीसीआई को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हालांकि केआईआईटी एक युवा विश्वविद्यालय है, इसे भारत सरकार द्वारा ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ टैग दिया गया है। केआईआईटी टाइम्स हायर एजुकेशन द्वारा ‘वर्कप्लेस ऑफ द ईयर’ श्रेणी में ‘अवार्ड्स एशिया 2020’ का विजेता है। शिक्षाविदों और अनुसंधान के अलावा, इसने खेल और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अशोक परीजा ने कहा कि देश में लॉ फैकल्टी की गुणवत्ता में सुधार के लिए आईआईएल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षाविद् प्रो. एनएल मित्रा ने कहा कि संस्थान ‘एकता, क्षमता निर्माण और न्याय’ के आदर्श के साथ राष्ट्रीय चरित्र के एक संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। ओडिशा स्टेट बार काउंसिल की विशेष समिति के सदस्य मानस रंजन महापात्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।