अजमेर/दक्षिण भारत। राजस्थान के अजमेर जिले की एक महिला ने करीब दस साल तक भीख मांगकर 6.61 लाख रुपए इकट्ठे किए थे। उसकी ओर से यह रकम सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिजनों की सहायता के लिए दान की गई। इस महिला की मौत पिछले साल अगस्त में हो गई थी। उसके पास बैंक जमा और नकदी सहित कुल 6.61 लाख रुपए पाए गए, जो शहीदों के नाम दान कर दिए गए हैं।
दिवंगत महिला देवकी शर्मा ने अपनी मौत से पहले एक वसीयत की थी, जिसमें इस बात का जिक्र किया था कि उसकी रकम का इस्तेमाल देश और समाज के हित के लिए किया जाए। देवकी अजमेर के बजरंग गढ़ में स्थित अंबे माता मंदिर के बाहर भीख मांगकर गुजारा करती थीं। उन्होंने अपनी संपत्ति के दो संरक्षक भी घोषित कर दिए थे, जिन्हें इस रकम को दान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। देवकी की मौत के बाद जब उनके बिस्तर की जांच की गई तो उसमें भी डेढ़ लाख रुपए निकले। यह राशि बैंक में जमा करवा दी।
पुलवामा हमले के बाद जब दुख में डूबे देशवासियों ने शहीदों के परिजनों की आर्थिक सहायता के लिए मुहिम चलाई तो उक्त संरक्षकों ने यह रकम दान करने का फैसला किया। उन्हें लगा कि यही देवकी शर्मा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके बाद वे कलेक्टर दफ्तर गए और यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी, जो वहां से शहीदों के परिवारों को भेजी जाएगी। इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की गईं।
संरक्षक संदीप गौर ने बताया कि देवकी अपनी बचत की रकम बैंक खाते में जमा करा देती थीं। उन्होंने अपने जीवन में ही यह वसीयत कर दी कि यह पूरी रकम नेक काम में खर्च होनी चाहिए। उसके बाद बैंक ड्राफ्ट बनवाया गया और यह रकम कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को सौंप दी गई। देवकी की आत्मा की शांति के लिए मंदिर में प्रार्थना की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी हजारों लोग देवकी को नमन कर रहे हैं।