बूंदी/दक्षिण भारत। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आतंकवाद तो फैलाता ही है, अगर कोई निर्दोष भारतीय उसके शिकंजे में फंस जाता है, तो उस पर भी भयंकर जुल्म ढाए जाते हैं। राजस्थान के बूंदी जिले के रामपुरिया गांव के जुगराज भील छह साल की कैद काटकर पाकिस्तान से लौटे हैं, लेकिन वहां उनके साथ जो बर्ताव हुआ, उसकी वजह से अब तक सदमे में हैं।
जुगराज जैसलमेर स्थित रामदेवरा गए थे, वहां से रास्ता भूलकर पाकिस्तान चले गए। वहां पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें एक ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते पकड़ा था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में जुगराज को खूब यातनाएं दी गईं। अब वहां से रिहा होकर लौटे जुगराज अपने कई परिजनों को पहचानने में भी समर्थ नहीं हैं।
परिजनों ने बताया कि जुगराज के पाकिस्तान से लौट आने के बाद उन्होंने देखा कि कान का एक हिस्सा भी कटा हुआ है। जुगराज को जेल में जो यातनाएं दी गईं, उनका असर अब तक बरकरार है। इस वजह से वे लोगों से ज्यादा बातचीत भी नहीं कर पा रहे हैं।
पाकिस्तान की कैद से रिहा होकर वतन लौटे जुगराज के परिवार में बेहद खुशी का माहौल है। उनकी माता की आंखें खुशी के आंसुओं से नम हैं। उन्होंने कहा कि बेटा पाकिस्तान से लौट आया। इस बात पर विश्वास हो गया कि भगवान होते हैं। जुगराज के पिता भी बहुत खुश हैं। हर रोज ग्रामीण जुगराज के हालचाल जानने आ रहे हैं। कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचाईं।
बता दें कि इस परिवार को मई 2018 में पता चला कि जुगराज पाकिस्तान स्थित कराची जेल में बंद है। उसके बाद जुगराज की वतन वापसी के लिए आवाज उठाई गई। यूथ कांग्रेस महासचिव चरमेश शर्मा ने बताया कि पिछले साल जून में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी और जुगराज की वतन वापसी की अपील की थी। आखिरकार सबके प्रयास रंग लाए और पाकिस्तान ने जुगराज को रिहा किया। उन्हें वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।
देश-दुनिया की हर ख़बर से जुड़ी जानकारी पाएं FaceBook पर, अभी LIKE करें हमारा पेज.