जयपुर/एजेन्सी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन करके पंचायतीराज और स्थानीय निकाय में महिलाओं को मजबूती दी। पहले सरपंच पति की एक नई ही पोस्ट अघोषित रूप से बन गई थी, सरपंच पति बैठकों में बैठ जाते थे। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। महिला को घूंघट में कैद करके नहीं रख सकते। उन्होंने कहा, महिला को घूंघट में बंद करने का किसी को क्या अधिकार है, जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती। अब घूंघट का जमाना गया, आप अब महिला को घूंघट में कैद करके नहीं रख सकते। मुख्यमंत्री एकल नारी शक्ति संगठन के ’जश्न एक बहनचारे’ कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महिला अत्याचारों पर सरकार गंभीर है, महिला अत्याचारों की जांच के लिए हमने बड़ा फैसला किया है, डिप्टी एसपी स्तर का अफसर जांच करेगा। मुख्यमंत्री ने बाल विवाह को भी एक अभिशाप बताया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि डायन प्रथा से महिलाएं पीड़ित होती हैं, डायन होती ही नहीं हैं। मैं तो खुद मैजिशियन हूं, जादू में कुछ जादू नहीं होता, केवल ट्रिक होती है, ट्रिक से ही लगता है कि जादू है। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि एकल महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार तत्पर है। सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं, एकल महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्यक्रम में एकल महिलाओं के संघर्ष पर आधारित पुस्तक ’बदलाव की मिसाल -एकल महिलाएं’ का विमोचन भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक को हिंदी में भी प्रकाशित करवाइए, तभी सब समझ सकेंगे, अंग्रेजी से ही काम नहीं चलेगा, अंग्रेजी देश में ज्यादा ही हावी हो गई है।
जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती : गहलोत
जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती : गहलोत