जयपुर/एजेन्सी। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते बिगड़ी राजस्थान की आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम के निर्देश के बाद वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सभी विभागों के प्रमुखों के साथ मिलकर खर्चों में कमी करने को लेकर योजना बनाने में जुटे हैं्। गहलोत के निर्देश पर गुरूवार को भी बैठक हुई्। गहलोत ने 3 जनवरी 2020 को 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट पेश करते हुए प्रदेश के विकास के लिए 7 संकल्पों का उल्लेख किया था। लेकिन करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्जभार से जूझ रही गहलोत सरकार अब कोरोना संकट के कारण बजट घोषणाओ में निहित 7 में से 5 संकल्पों के लिए तय बजट में कटौती करने की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग मदों में कटौती करने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है। केंद्र से पर्याप्त सहायता नहीं मिलने पर गहलोत ने हाल ही में बजट घोषणाओं में कटौती के संकेत दिए थे।
केंद्र ने जीएसटी के 4 हजार करोड़ और सीएसटी के 4478 करोड़ रुपये की हिस्सा राशि राज्य को नहीं दी है। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार सीएम के 2 संकल्पों ‘निरोगी राजस्थान ‘और ‘ संपन्न किसान’ को छोड़कर अन्य 5 संकल्पों पर सरकार बजट में कटौती करेगी। गहलोत ने मौजूदा वर्ष में 53,151 पदों पर भर्ती करने, निरोगी राजस्थान पर 14 हजार 533 करोड़ 37 लाख और किसान तथा खेती पर 3 हजार 420 करोड़ 6 लाख रुपये खर्च करने की घोषणा की थी. वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार इन दोनों क्षेत्रों के तय बजट में तो सरकार कोई कटौती नहीं करेगी।