राजस्थान भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा
जयपुर/दक्षिण भारत। राजस्थान की कांग्रेस सरकार में जारी सियासी ड्रामे के बीच शनिवार को प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और विभिन्न मुद्दे रखे। बता दें कि राज्यपाल से मुलाकात के लिए नेताओं में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, कालीचरण सराफ, अशोक परनामी, रामचरण बोहरा सहित कई वरिष्ठ नेता थे।
चूंकि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा कांग्रेस पर विभिन्न आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा नेतृत्व पर हमला बोल रही है। साथ ही शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पायलट गुट को मिली राहत से कांग्रेस में हलचल भी मची है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सीएम गहलोत के बयानों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति में उल्लंघन के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं तो और कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने इस प्रकार की भाषा के इस्तेमाल पर गहलोत के इस्तीफे की मांग की।
कटारिया ने गलोत द्वारा राज्यपाल पर दिए बयानों पर कहा, ‘आप कैबिनेट का निर्णय देकर तो आ सकते हैं परंतु उसका निर्णय उनकी छाती पर खड़े रहकर लेकर निकलोगे, यह व्यवहार कहां से सीखा? .. हमने राज्यपालजी को कहा है कि जिस प्रकार की स्थिति बनी है और बन रही है, इस संवैधानिक पद पर आप विराजमान हैं, इन सब मूल्यों की रक्षा के लिए हम आपको ज़िम्मेदारी देते हैं।’
वहीं, सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्यपालजी से मिलकर ‘मुख्यमंत्रीजी के उत्प्रेरण के कारण राजस्थान में उत्पन्न अराजकता के वातावरण’ के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की राजभवन के घेराव की धमकी और सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थता व्यक्त करना धारा 124 के अंतर्गत स्पष्ट उल्लंघन है।
पूनिया ने राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर यह निवेदन किया कि कोरोना से पैदा हालात कैसे काबू में आएं और इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कोरोना के 35,000 से ज्यादा मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरीके से राजस्थान को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजभवन को धरने एवं प्रदर्शन का अखाड़ा बना दिया।
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कोई शासन नहीं है। जो सत्ता में हैं, वे हफ्तों से पांच सितारा होटल में ठहरे हैं। राजस्थान के लोग परेशान हैं। गवर्नर हाउस में कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु था। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस में मचे घमासान पर कहा कि अंतरविरोध से घिरी सरकार की लड़ाई सड़क पर आ गई है।