जयपुर/भाषा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता के नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखने का शुक्रवार को आदेश दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी द्वारा शिकायत दिए जाने के बाद इन विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी किया था। कांग्रेस ने शिकायत में कहा था कि विधायकों ने पिछले हफ्ते बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन किया।
कांग्रेस ने पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई की मांग की थी।
विधायक सदन में जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करता है, यदि वह उसकी सदस्यता ‘स्वेच्छा’ से त्याग देता है तो यह प्रावधान उक्त विधायक को अयोग्य करार देता है। पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
पायलट और कांग्रेस के बागी विधायकों ने गत शुक्रवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी थी और इस पर जिरह भी हुई है।
इस याचिका पर सोमवार को भी सुनवाई हुई और बहस मंगलवार को समाप्त हुई। अदालत ने मंगलवार को कहा कि वह रिट याचिका पर शुक्रवार को उचित आदेश देगी।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया और वहां बुधवार को एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।