हावड़ा। कोलकाता में एक रिक्शाचालक ने कीमती आभूषणों और रुपयों से भरा बैग लौटाकर ईमानदारी की मिसाल कायम की है। यह रिक्शाचालक बहुत कम कमाई में गुजारा करता है, उसके बेटे की सेहत ठीक नहीं रहती, रहने का इंतजाम अच्छा नहीं है और रिक्शा भी किराए का है। इसके बावजूद उसके मन में लालच नहीं आया। उसने यह बैग असली मालिक तक पहुंचा ही दिया।
इस रिक्शाचालक का नाम मंटू साहा (54) है। वह हावड़ा निवासी है। दुबई में रहने वाली रुक्मिणी देवी किसी काम से कोलकाता आई थीं। उन्होंने मंटू साहा का रिक्शा किराए पर लिया। उसके बाद उन्होंने रास्ते में करीब तीन लाख रुपए के जेवर खरीदे जो सोना और हीरे से बने थे। इसके अलावा उनके पास 60 हजार रुपए अलग थे। यह सब उन्होंने बैग में रख लिया।
घर पहुंचने के बाद रुक्मिणी देवी जल्दी में उतरीं और अपना बैग रिक्शे में ही भूल गईं। जब उन्हें बैग याद आया तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने तो बैग मिलने की आशा ही छोड़ दी थी। वे बेलूर थाने गईं और रिपोर्ट लिखाई। उधर मंटू को भी यह मालूम नहीं था कि उनके रिक्शा में कीमती जेवरात और रुपयों से भरा बैग है।
घर पहुंचने के बाद उन्होंने बैग देखा तो तुरंत समझ गए कि यह भूल से रह गया। उन्होंने अपनी पत्नी को इस बारे में जानकारी दी। फिर दोनों ने तय किया कि वे यह सामान और रकम उसके असल मालिक तक पहुंचाकर आएंगे। वे तुरंत पुलिस थाने गए।
वहां थाना इंचार्ज ने फोन कर रुक्मिणी देवी को सूचना दी। उन्होंने तुरंत अपना बैग पहचान लिया। यही नहीं, वे रिक्शाचालक की ईमानदारी से इतनी प्रभावित हुईं कि उसे 10 हजार रुपए का इनाम दिया। उन्हें मंटू साहा की खराब आर्थिक स्थिति के बारे में जाकर उसकी मदद करने का इरादा जताया है। वे उसे खुद का रिक्शा खरीदने में सहयोग करेंगी।
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