मुंबई। तेरह साल के तिलक मेहता का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। तिलक भी आम बच्चों की तरह पढ़ाई, खेलकूद जैसी गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं, पर उन्होंने एक काम ऐसा किया है जिसने उन्हें सोशल मीडिया की सुर्खियों में ला दिया। तिलक ने एक स्टार्टअप शुरू किया है और उसे 100 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है।
यह स्टार्टअप लॉजिस्टिक से संबंधित है। वे इसे बहुत गंभीरता से चला रहे हैं और 2020 तक इसका राजस्व 100 करोड़ रुपए तक पहुंचाना चाहते हैं। यही नहीं, तिलक ने इस काम के लिए मुंबई के मशहूर डिब्बावालों को भी जोड़ा है। वे महानगर की इस संभावना के आधार पर एक कारोबारी बनना चाहते हैं। उनके इस प्रयास को काफी सराहा जा रहा है।
वे तय समय पर सामान पहुंचाने के लिए एक बड़ी शृंखला बनाना चाहते हैं, जिसमें डिब्बावाले बहुत अहम भूमिका निभा सकते हैं। स्टार्टअप की शुरुआत भी कम दिलचस्प नहीं है। दूसरे बच्चों की तरह तिलक को यह शिकायत थी कि उनके पिताजी काम में बहुत व्यस्त रहते हैं और उन्हें ज्यादा समय नहीं दे पाते।
पिछले साल उन्हें पढ़ाई के सिलसिले में एक किताब की जरूरत हुई, जिसे लाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता। उनके पिताजी व्यस्त रहते और घर लौटते वक्त काफी थक जाते। ऐसे में वे उन्हें तकलीफ नहीं देना चाहते थे। उसी वक्त उनके दिमाग में विचार आया कि कोई ऐसी सेवा होनी चाहिए जो शहर में जब जरूरत हो, कागज व सामान आदि पहुंचा सके।
यहीं से उन्होंने तय किया कि वे एक स्टार्टअप शुरू करेंगे। उन्होंने अपने पिताजी से इसके बारे में बात की तो बेटे के विचार को प्रोत्साहन दिया। फिर तिलक ने पेपर्स एन पार्सल्स की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने तकनीकी की मदद भी ली, जिससे उनका काम आसान हो गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनके काम का अवलोकन कर चुके हैं। इन दिनों तिलक अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए नए आइडिया पर काम कर रहे हैं। उन्हें यकीन है कि 2020 तक वे अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।
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