कश्मीर में जहर घोलने वाले पाकिस्तानी चैनलों पर बड़ी कार्रवाई, 30 चैनल होंगे बंद

कश्मीर में जहर घोलने वाले पाकिस्तानी चैनलों पर बड़ी कार्रवाई, 30 चैनल होंगे बंद

Pak Sponsered Terrorism

श्रीनगर। तकनीकी ने हमारी ज़िंदगी आसान बनाई है तो नए खतरे भी पैदा किए हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर में पाकिस्तान अलगाववाद व आतंकवाद का जहर घोलने के लिए टीवी चैनलों का इस्तेमाल कर है। ऐसे चैनलों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। इन्हें बंद करने का आदेश दिया गया है। इन चैनलों की संख्या 30 बताई जा रही है जो पाकिस्तानी और कथित रूप से इस्लामिक चैनल हैं।

गृह विभान ने माना है कि ये चैनल घाटी में सद्भाव के लिए बड़ा खतरा हैं। इनके जरिए युवाओं को अलगाववाद के लिए बहकाया जा रहा था। इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन चैनलों को काफी लोग देखते हैं। चूंकि ये चैनल पाकिस्तान द्वारा समर्थित हैं, ऐसे में लोगों को अलगाववाद, घुसपैठ और आतंकी विचारधारा परोस सकते हैं।

टीवी चैनलों के अलावा ऐसे वॉट्सग्रुप, फेसबुक अकाउंट, पेज भी सक्रिय हैं जो पत्थरबाजों को उकसाते हैं। जब हमारे सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ होती है तो ऐसे सोशल मीडिया ग्रुप पत्थरबाजों को संबंधित जगह पर जल्द पहुंचने का निर्देश देते हैं। जब कोई आतंकी मारा जाता है तो उसके जनाजे में पहुंचकर उसके समर्थन में नारे लगाने और आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए भावुक अपील की जाती है। इनके ​जरिए सीमा पार बैठे आतंकियों से संपर्क किया जाता था।

पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त टीवी चैनल आग में घी डालने का काम करते हैं। वे आतंकियों को महानायक की तरह पेश करते हैं और उन्हें शहीद घोषित कर उनकी शान में गाने बजाते हैं। ऐसे संगीत का युवाओं पर बुरा असर होता है और वे भी आतंकी संगठनों मे भर्ती होने की तैयारी करते हैं।

घाटी में ऐसे कई आतंकी सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए हैं, ​जो उच्च शिक्षित और समृद्ध परिवार से हैं। उन्हें आतंकवादी बनाने में भड़काऊ सामग्री का बड़ा योगदान था, जो आसानी से टीवी और इंटरनेट पर मिल जाती है।

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