मुस्लिम महिलाओं के लिए नया फतवा; “नो आइब्रो-नो हेयरकट’ !

मुस्लिम महिलाओं के लिए नया फतवा; “नो आइब्रो-नो हेयरकट’ !

सहारनपुर। मुस्लिम महिलाएं इन दिनों ब्यूटीपार्लर का काफी इस्तेमाल कर रही है, जो कि सही नहीं है। जिस तरह पुरुषों का दाढ़ी कटवाना नाजायज है, उसी तरह महिलाओं का बाल कटवाना और आइब्रो बनवाना भी गलत है। यह कहना है स्थानीय फतवा विभाग के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी का।

दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी किए गए फतवे में मुस्लिम महिलाओं के लिए आइब्रो व हेयरकट को नाजायज करार दिया गया है। ब्यूटीपार्लर के इस्तेमाल को सही नहीं बताते हुए मौलाना के मुताबिक दारुल उलूम को यह फतवा काफी पहले ही जारी कर देना चाहिए। हालांकि महिलाओं के आइब्रो बनवाने और बाल कटवाने को लेकर दारुल उलूम से इससे पूर्व में भी करीब तीन वर्ष पहले इसी तरह का एक फतवा जारी हो चुका हैं। बकौल फतवा विभाग महिलाओं के लिए जो दस पाबंदियां बताई गई है, उनमें बाल काटना और आइब्रो बनवाना भी शामिल है।

बताया जाता है कि कुछ दिनों पूर्व सहारनपुर के एक व्यक्ति ने फतवा विभाग से सवाल किया था कि क्या पत्नी आइब्रो बनवा सकती है और बाल कटवा सकती है? विभाग ने फतवा जारी करते हुए कहा कि इस्लाम में आइब्रो बनवाने और बाल कटाने की इजाजत नहीं है, यदि कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के खिलाफ है।

उल्लेखनीय है कि दरुल उलूम की ओर से जारी होने वाले फतवों के लिए ऑनलाइन फतवा डिपार्टमेंट (विभाग) है। इस डिपार्टमेंट को पत्र या ऑनलाइन ही फतवा प्राप्त किया जा सकता है। लोग इस्लाम से जुड़े प्रश्नों का उत्तर भी इस डिपार्टमेंट से मांग सकते हैं।

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