नई दिल्ली/भाषा। भारत में इंटरनेट के विस्तार के साथ दिग्गज कारोबारियों ने इस संभावना को भांप लिया है कि सिर्फ अंग्रेजी के बूते आप ज्यादा लोगों तक पैठ नहीं बना सकेंगे। इसके लिए जरूरी है कि हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की अहमियत को समझा जाए और संबंधित क्षेत्र में इनका उपयोग किया जाए। विभिन्न रिपोर्ट बताती हैं कि इंटरनेट पर हिंदी और भारतीय भाषाओं का प्रभाव बढ़ रहा है। अब लोग अंग्रेजी के अलावा अपनी मातृभाषा में भी जानकारी पढ़ना पसंद करते हैं।
ऑनलाइन ऑटोमोबाइल बाजार ड्रूम अपने उपभोक्ता आधार को बढ़ाने के अपने प्रयासों के तहत अगली तिमाही से हिंदी, तेलुगु और गुजराती सहित अन्य भारतीय भाषाओं में प्लेटफॉर्म शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है। ड्रूम के संस्थापक और सीईओ संदीप अग्रवाल ने बताया, अंतरराष्ट्रीय विस्तार की अपनी योजना के तहत हमने बाजार के रूप में थाईलैंड की पहचान की है और थाई भाषा में एक प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है।
उन्होंने बताया, हमने महसूस किया है कि भारतीय बाजार में भी ऐसा किए जाने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। 2019 की पहली तिमाही से हम हिंदी, कन्नड़, गुजराती, तमिल और तेलुगु सहित अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी भाषा विकल्पों को उपलब्ध कराने के लिए अपनी आंतरिक टीम के साथ बाहरी विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रही है। अग्रवाल ने कहा, यह केवल अनुवाद की सुविधा से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। भाषाओं में बहुत छोटे-छोटे अंतर होते हैं।
यह समझने की जरूरत है कि ग्राहक चेक प्राइसिंग, चेक व्हिकल इंस्पेक्शन जैसे पारिभाषिक शब्दों को स्थानीय भाषाओं में कैसे समझेंगे। हाल में दिग्गज ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने हिंदी बोलने वाली बड़ी आबादी में अपनी पैठ और मजबूत करने के लिए हिंदी भाषा में पोर्टल की शुरुआत की है।
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