चंडीगढ़/दक्षिण भारत। डाक विभाग के कर्मचारियों ने एक पार्सल पर लिखा पता पढ़ने में ऐसी लापरवाही बरती कि वह पंजाब के बजाय चीन चला गया। इसके बाद पूछताछ करने पर वह दोबारा भारत लौटा और दिए गए पते पर पहुंचा दिया गया। पार्सल में दवाइयां भेजी गई थीं जो काफी देर से मिलीं। आखिर में यह मामला उपभोक्ता फोरम तक गया जहां डाक विभाग पर जुर्मान लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ निवासी महिला ने अपनी मां के लिए ब्लड प्रेशर की दवाइयां पार्सल से भेजी थीं। पार्सल पर फरीदकोट जिले के चैना गांव का पता लिखा, लेकिन डाकघर ने यह सामान चैना के बजाय चीन रवाना कर दिया। बताया गया है कि चैना गांव की अंग्रेजी स्पेलिंग की वजह से यह गड़बड़ हुई, जिसे जल्दबाजी में ‘चाइना’ समझ लिया गया।
महिला ने जब डाकघर से पूछताछ की तो मालूम हुआ कि उसका पार्सल तो चीन की राजधानी बीजिंग में है। इसके बाद महिला बलविंदर कौर ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कराया। यहां डाकघर के अधिकारियों ने माना कि नाम की स्पेलिंग की वजह से यह गलती हुई। बलविंदर कौर ने कहा कि राजभवन शाखा से 18 जनवरी को पार्सल कराया जो 27 जनवरी तक चीन में रहा। उसके बाद 31 जनवरी को पते पर पहुंचा। उन्होंने इसके लिए डाकघर के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया।
दूसरी ओर डाकघर अधिकारी मामले में अपनी गलती स्वीकार ही नहीं कर रहे थे। उन्होंने पोस्ट ऑफिस एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसके लिए वे बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं। बाद में उपभोक्ता फोरम ने डाकघर की गलती मानी। फोरम की ओर से आदेश दिया गया कि डाकघर बलविंदर कौर को हर्जाने के पांच हजार रुपए दे।