नई दिल्ली/दक्षिण भारत डेस्क। वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2018 में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है। पारदर्शिता और भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत ने 180 देशों की सूची में 78वां स्थान प्राप्त किया है। भारत की रैंकिंग में तीन स्थान का सुधार हुआ है। साल 2017 में इस सूची में भारत का 81वां स्थान था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल की अवधि में भारत में भ्रष्टाचार कम हुआ है।
वहीं इस सूची में पहले स्थान पर डेनमार्क है। यह देश दुनिया में सबसे ज्यादा ईमानदार माना गया है। इसके बाद न्यूजीलैंड का स्थान है। फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विट्जरलैंड को भी ऐसे देशों की कतार में शामिल किया गया है जहां दुनिया में सबसे कम भ्रष्टाचार है। रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्टाचार के मामले में चीन और पाकिस्तान की हालत खराब है। चीन को 87वां स्थान मिला है। पाकिस्तान ने भ्रष्टाचार में लंबी छलांग लगाई है और वह 117वें स्थान पर जा पहुंचा है।
रिपोर्ट कहती है कि ट्रंपराज में अमेरिका को नुकसान हुआ है। साल 2018 में अमेरिका 22वें स्थान पर आ गया है। इससे पहले यह 18वें स्थान पर था। साल 2017 के मुकाबले पूरे चार अंकों का नुकसान उठाकर अमेरिका 71 अंक हासिल कर पाया है। ईमानदारी के मामले में यह शीर्ष 20 देशों से बाहर निकल गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 से लेकर 2018 तक भारत की स्थिति में सुधार देखने को मिला है। 2015 में भारत को 38 अंक मिले थे। करीब तीन साल बाद ये 41 हो गए। भारत की स्थिति में बेहतरी तो आई है, लेकिन उसे जो स्थान मिला है, उसके मद्देनजर अभी और सख्त उपायों की जरूरत है।
ये हैं सबसे ज्यादा भ्रष्ट
सूची में सबसे आखिरी 180वें स्थान पर सोमालिया मौजूद है, जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार माना गया है। उसके बाद सीरिया और दक्षिण सूडान (दोनों 178वें), यमन और उत्तर कोरिया (दोनों 176वें) जैसे देश आते हैं, जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इसके अलावा गिन्नी बिसाऊ, अफगानिस्तान, लीबिया भी सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों में से हैं।