नई दिल्ली/भाषा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को सांसदों से कामकाज के लिए अधिक से अधिक डिजिटल तरीके को अपनाने और कागजों के कम से कम इस्तेमाल का आह्वान किया ताकि संसद के करोड़ों रुपए बचाए जा सकें।
बिरला ने सदन में सदस्यों से कहा, इस डिजिटल युग में जब अधिकतर पत्र, कार्यसूची, सारांश लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं, मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है और अब समय की मांग भी है कि पत्रों की मुद्रित प्रतियों के स्थान पर डिजिटल संस्करण का उपयोग किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। हम सबका प्रयास इस धन को बचाने का होना चाहिए। कम से कम कागजों का इस्तेमाल करके पर्यावरण को भी बचाया जा सकेगा।
बिरला ने कहा कि अगले सत्र से इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएंगे। सदस्य पूर्णत: डिजिटल तरीकों के उपयोग का अथवा अभी नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि फिर भी मेरा विश्वास है कि अधिकतर सदस्य प्रयास करेंगे कि डिजिटल माध्यम से कामकाज हो। पूरे विश्व के अंदर भारत की संसद को पेपरलेस बना सकें।
उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल, कैंटीन आदि में सदस्यों से डिजिटल तरीके से धनांतरण की ओर बढ़ने का तथा इसे शत प्रतिशत अपनाने का भी आग्रह किया।
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने इस प्रस्ताव की प्रशंसा की लेकिन कहा कि पूरी तरह वाई-फाई सुविधा नहीं मिलने और बीच-बीच में इंटरनेट जाने की वजह से इसमें कठिनाई आएगी। उन्होंने कहा कि निर्बाध वाई-फाई सेवा सदस्यों को मिले तो पेपरलेस कामकाज की दिशा में बढ़ना संभव होगा।
बनर्जी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में भी यह व्यवस्था लागू की गई थी लेकिन वाई-फाई संबंधी दिक्कतों के कारण शीर्ष अदालत फिर से कागजों से कामकाज की पुरानी व्यवस्था पर लौट आई है।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मैं इसे एक दिन में लागू नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि कम से कम सदस्यों के घरों पर पत्रों के भिजवाने का खर्च तो बचाया जा सके। वाई-फाई कनेक्टिविटी बेहतर करने का प्रयास रहेगा, लेकिन सदस्यों का प्रयास कम से कम कागजों के इस्तेमाल का होना चाहिए।