चेन्नई/दक्षिण भारत। कांचीपुरम जिले के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मामल्लपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो दिनों तक दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में अनौपचारिक बातचीत की। इस पूरे दौरे पर हिंदी भाषा बोलने में सहज महसूस करने वाले पीएम मोदी ने मंदारिन बोलने वाले चीनी राष्ट्रपति से कई बार अकेले में बातचीत की।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच भाषा की इस ‘दीवार’ को भारत की एक महिला आईएफएस अफसर ने चुटकियों में हल कर दिया। यह महिला आईएफएस अफसर हैं प्रियंका सोहानी। प्रियंका सोहानी दो दिनों तक मोदी के साथ साए की तरह रहीं। उन्होंने मोदी के लिए शी द्वारा मंदारिन में कही गई बातों का हिंदी में अनुवाद किया।
इसी तरह से मोदी की हिंदी का शी के लिए मंदारिन में अनुवाद किया। राष्ट्रपति शी ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय संस्कृति और प्रतीकों के बारे में जानकारी मांगी। इस दौरान सोहानी ने शी को इन्हें समझने में मदद की।
प्रियंका सोहानी मोदी और शी के बीच अनौपचारिक किंतु बेहद महत्वपूर्ण बातचीत के दौरान भी मौजूद रहीं। बता दें कि वर्ष 2012 बैच की आईएफएस अधिकारी प्रियंका विदेश मंत्रालय के बेस्ट ट्रेनी ऑफिसर का गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह ने उन्हें बिमल सान्याल पुरस्कार से सम्मानित किया था।
प्रियंका वर्ष 2016 से चीन के भारतीय दूतावास में तैनात हैं। उनका मानना है कि विदेश नीति का यह दौर काफी तेजी से बदल रहा है। इसमें अधिकारियों को हर नए परिवर्तन के साथ कदमताल करने की जरूरत होती है। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पूरे भारत में 26वां स्थान हासिल किया था। वह महाराष्ट्र से यूपीएससी में सफल होने वाले लोगों में तीसरे नंबर पर थीं।