नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रहा है। चीन के वुहान शहर में जब इसका प्रकोप सामने आने लगा तो भारत सरकार ने एहतियात बरतते हुए विमान भेजे और अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस ले आई। चीन से भारत लौटने वाले इन छात्रों और उनके परिजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार जताया था।
इसी प्रकार, इटली में भी कोरोना वायरस के मामले व्यापक स्तर पर सामने आ रहे हैं। यहां से भी भारत सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित वतन वापस लेकर आई है। कोरोना के कहर से जब इटली के शहरों में बाजार, शिक्षण संस्थान, पर्यटक स्थल आदि बंद होने लगे तो लोगों में हड़कंप मच गया। चूंकि यहां कोरोना के कारण बड़ी तादाद में लोगों ने जान गंवाई है। ऐसे में भारत में उन लोगों की चिंता काफी बढ़ गई जिनका कोई अपना इटली में रहता है।
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इस बीच, ट्विटर पर एक पत्र खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें एक शख्स ने अपनी बेटी की इटली से वतन वापसी के लिए मोदी सरकार का आभार जताया है। युवती के पिता इस बात का भी जिक्र करते हैं कि वे वर्षों से मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं, लेकिन मुश्किल हालात में जिस प्रकार सरकार ने उनकी बेटी का ख्याल रखा, वह एक ‘पिता के साए’ जैसा है।
जानकारी के अनुसार, यह युवती इटली के मिलान शहर से स्नातकोत्तर डिग्री की पढ़ाई कर रही थी। जब वहां कोरोना वायरस फैलने के मामले सामने आए तो हालात बिगड़ने लगे। युवती के पिता ने बताया कि भारत वापस लौटने के लिए सर्टिफिकेट मांगा गया था। उन्होंने बेटी की मदद के लिए मिलान में कार्यरत दूतावास से संपर्क करना चाहा, लेकिन वहां दफ्तर बंद था।
इसके बाद उन्होंने दूतावास के अधिकारियों को ईमेल किया। इस पर इन अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए युवती से संपर्क किया और मदद पहुंचाई। रात करीब 10.30 बजे युवती ने अपने पिता को फोन कर बताया कि दूतावास अधिकारियों से उसकी बात हुई है और वह अगली फ्लाइट से भारत आ रही है।
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युवती के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 15 मार्च को सकुशल भारत आ गई है। आईटीबीपी अस्पताल में भी स्वास्थ्य सेवाओं और खानपान संबंधी सुविधाओं का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि वे वर्षों से सरकार को कोसते रहे हैं लेकिन मोदी सरकार में ‘पिता का चेहरा’ है।
बता दें कि इससे पहले जब वुहान से भारतीय छात्रों को भारत सरकार स्वदेश लेकर आई तो वहां पढ़ाई कर रहे पाकिस्तानी छात्रों ने अपने मुल्क की इमरान खान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि आज वे खुद को किसी लावारिस जैसा महसूस कर रहे हैं जिसके पीछे कोई सरकार नहीं है, जब वे पाकिस्तानी दूतावास को फोन कर अपनी तकलीफ बताते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि घबराएं नहीं, ज़िंदगी और मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है। पाकिस्तानी छात्रों ने इमरान खान को नसीहत दी कि वह मोदी सरकार से कुछ सीखे।