कृष्णानगर (पश्चिम बंगाल)/भाषा। एक मूक बच्ची मुन्नी के माता-पिता की तलाश में पाकिस्तान जा पहुंचे ‘बजरंगी भाईजान’ की फिल्मी कहानी की तरह असली जिंदगी में एक बांग्लादेशी व्यक्ति यहां नादिया जिले में उस मूक भारतीय के परिवार को दर-दर ढूंढ़ रहा है जिसे उसने 14 साल पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से बचाया था।
रूपहले पर्दे की ‘बजरंगी भाईजान’ में सलमान खान उर्फ पवन चतुर्वेदी वीजा के बिना पाकिस्तानी सीमा में चला जाता है और एक मूक बच्ची मुन्नी को उसकी मां से मिलवाता है। सूत्रों ने बताया कि असली जिंदगी में यह बांग्लादेशी व्यक्ति दो दिन का वीजा लेकर पिछले सप्ताह भारत आया लेकिन वीजा की मियाद खत्म होने के बाद उसे नाकाम लौटना पड़ा।
बांग्लादेश के छुआडांगा जिले के रहने वाले मोहम्मद आरिफुल इस्लाम यहां सड़कों पर, दुकानों में और चाय के खोमचों पर 28 वर्ष के एक युवक की तस्वीर दिखाते घूम रहे थे। सूत्रों ने बताया कि 24 जनवरी को उसके लौटने के दिन कुछ लोगों ने बताया कि 14 वर्ष का एक लड़का 14 साल पहले गेडे गांव से खो गया था। इस्लाम जब तस्वीर लेकर उसके माता-पिता के पास पहुंचे तो उन्होंने तस्वीर वाले युवक को पहचानने से इनकार कर दिया।
इस्लाम अपना फोन नंबर और पता वहां छोड़कर आए हैं। उन्होंने बांग्लादेश लौटने से पहले कहा, मैं 14 साल पहले एक दिन अपने खेत में काम कर रहा था, तब मैंने एक लड़के को अकेले खड़ा रोते देखा। वह भारतीय सीमा की तरफ था। उस समय सीमा पर बाड़ नहीं लगी थी तो मैं उसकी तरफ भागा। मूक होने के कारण मैं उसे घर ले आया। मुझे बाद में पता चला कि वह हिंदू है। वह मेरे लिए मेरे बाकी बच्चों की तरह है।
इस्लाम ने कहा कि वह पहले नहीं आ सके क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। उन्होंने कहा, वह मेरे परिवार का हिस्सा है और उसे अलग करना हमारे लिए आसान नहीं होगा। इसके बावजूद मुझे लगा कि अब वह जवान हो चुका है और उसे उसके वालिदैन से मिलवाना मेरा फर्ज है।