बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शौर्य चक्र विजेता कर्नल नवजोत सिंह बल को सोमवार को बेंगलूरु में नम आंखों से विदाई दी गई। कैंसर की वजह से दुनिया को अलविदा कहने वाले कर्नल नवजोत पैरा-एसएफ में अफसर थे।
रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि वे दुर्लभ किस्म के कैंसर से पीड़ित थे। वे बहादुरी, साहस और सच्चे योद्धा जैसे गुणों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उन्होंने नौ अप्रैल को आखिरी सांस ली थी।
कर्नल नवजोत ने जीवन के कठिन लम्हों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने इसे अपनी आखिरी सांस तक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाए रखा। बीमारी के इन मुश्किल हालात में उनकी पत्नी आरती बल उनकी शक्ति बनकर खड़ी रहीं। उनके दो बेटे जोरावर और सरबाज हैं।
कर्नल नवजोत ने जम्मू-कश्मीर में एक सैन्य अभियान के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया था। इसके बाद उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। वे संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत कांगो भी गए थे। वे साल 2018 में बतौर कर्नल पैरा-एसएफ में नियुक्त किए गए थे।
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कर्नल नवजोत के दाएं हाथ में कैंसर हो जाने से उसे शरीर से अलग करना पड़ा था। इसके बावजूद उनमें उच्च कोटि का साहस और धैर्य था। उन्होंने इसी हालत में 21 किमी की मैराथन में भाग लिया। वे कठिन क्षणों में भी मुस्कुराते रहते थे।
जब ज़िंदगी की डोर खत्म होने वाली थी, उन्होंने आखिरी सेल्फी ली। उनकी एक कविता ‘मैं इस जंग में अपने पूरे सामर्थ्य से लड़ा था, होकर मैं निडर, अडिग और अविचल खड़ा था’ सोशल मीडिया पर जिसने भी पढ़ी, उसकी आंखें इस जांबाज के लिए नम हो गईं।