हम टेक्नॉलजी के ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां हमें सबकुछ तुरंत चाहिए होता है। चाहे वो मोबाइल से टिकट बुक करना हो, ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या कुछ खाना ऑर्डर करना हो। सब फटाफट चाहिए। खाने पीने की चीजें डिलिवरी करने के लिए ब़डे शहरों में कई स्टार्टअप ये सर्विस दे रहे हैं, लेकिन जयपुर जैसे छोटे शहर में ऐसी सुविधा नहीं है। इसी कमी को पूरा करने के लिए एक युवा ने चाय-नाश्ता डिलिवर करने का स्टार्टअप शुरू किया है। जयपुर के रघुवीर सिंह चौधरी आर्थिक रूप से पिछ़डे परिवार से आते हैं। उनके घर की हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वे स्कूल खत्म करने के बाद आगे की प़ढाई कर पाते। इसलिए मजबूरी में उन्हें काम करना प़डा। अमेजन में वह डिलिवरी बॉय का काम करते थे और सैलरी के तौर पर उन्हें सिर्फ ९,००० रुपए महीने मिलते थे। उनके पास बाइक नहीं थी और वह साइकिल से घर-घर अमेजन के समान की डिलिवरी करते थे। दिन भर साइकिल चलाते-चलाते वह थक जाते थे। इसके बाद उन्हें चाय की जरूरत प़डती थी। लेकिन चाय की अच्छी दुकान ढूं़ढने में उन्हें दिक्कत होती थी। अगर कोई चाय की दुकान मिलती भी थी तो ये कोई तय नहीं होता था कि वहां अच्छी चाय ही मिलेगी। कई बार उन्हें खराब चाय भी पीनी प़डती थी। रघुवीर को रोज-रोज इस स्थिति का सामना करना प़डता था। उन्होंने सोचा कि मेरी ही तरह न जाने कितने लोग होंगे जिन्हें अच्छी चाय पीने की इच्छा होती होगी और वे चाय नहीं पी पाते होंगे।रघुवीर ने सोचा कि जब ब़डी-ब़डी कंपनियां सामान की डिलिवरी करती हैं तो वह चाय क्यों नहीं पहुंचा सकते। पहली सैलरी मिलते ही रघुवीर ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने एक कमरा किराए पर लिया। उसके बाद एक व्यक्ति को नौकरी पर रखा। उन्होंने एक ऐप भी तैयार करवा लिया और थो़डे से प्रचार से ही चाय की डिलिवरी करने लगे। उन्होंने अमेजन की डिलिवरी बॉय की नौकरी छो़ड दी। ऐप के साथ ही वह वॉट्सऐप और फोन से भी चाय के ऑर्डर लेने लगे।रघुवीर को नहीं पता था कि उनका आइडिया कितना सफल होगा, लेकिन उनकी चाय और डिलिवरी इतनी अच्छी होती है कि हर दुकान वाला उनसे ही चाय मंगाने लगा। शुरू में उन्होंने अपने तीन दोस्तों के साथ यह काम शुरू किया था। क्योंकि उनके पास ज्यादा पूंजी भी नहीं थी। धीरे-धीरे उन्होंने अपने आस-पास के दुकानदारों से संपर्क साधा और लगभग सौ दुकानों से संपर्क बना लिया। जिस क्वॉलिटी की चाय वह डिलिवर करते हैं वैसी चाय मार्केट में मिलना मुश्किल होता है। कुछ दिनों बाद उन्होंने एक बाइक भी ले ली।आज जयपुर में रघुवीर के चार चाय के सेंटर हैं, जहां से वह चाय की डिलिवरी करते हैं। हर दिन उन्हें ५०० से ७०० चाय के ऑर्डर मिलते हैं। इससे हर महीने उन्हें १ लाख से ज्यादा की कमाई होती है। उनके पास आज चार मोटरसाइकिल हैं जिससे वह चाय की डिलिवरी करते हैं।रघुवीर उन तमाम स्टार्टअप शुरू करने वाले लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो तमाम तरह की मुश्किलों से गुजरते रहते हैं। रघुवीर की कहानी बताती है कि हमें बस सही मौके की जरूरत होती है, उसके बाद सही वक्त पर पूरी लगन से मेहनत की जाए तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
जयपुर के रघुवीर सिंह चौधरी आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से आते हैं। उनके घर की हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वे स्कूल खत्म करने के बाद आगे की पढ़ाई कर पाते। इसलिए मजबूरी में उन्हें काम करना पड़ा। एमेजन में वह डिलिवरी बॉय का काम करते थे और सैलरी के तौर पर उन्हें सिर्फ 9,000 रुपए महीने मिलते थे।